Black Magic Exposed – Religion, Black Magic & Reality

बुक बडीज आज मैं सोच रहा हूं कि हमारी जो गुफ्तगू है उसका आगाज किसी अलग तरीके से किया जाए। आप लोग मुझे पसंद करते हैं, मेरी वीडियोस को देखते हैं, मुझे एनकरेज करते हैं और मुझे बहुत प्यार करते हैं। लेकिन मेरे लिए यह काफी नहीं। मैं चाहता हूं कि आप पूरे तरीके से मेरे वश में आ जाए ताकि मैं आपको कंट्रोल कर सकूं। और ऐसा करने के लिए आज मैं सहारा लूंगा जादू का बल्कि जादू का नहीं काले जादू का। तो बुकबडीज आ गए आप लोग वापस। लगता है अब आप सब के सब वही करेंगे जो मैं आपको करने को कहूंगा क्योंकि अब आप लोगों के ऊपर जादू हो गया है। दोस्तों, यह तो एक मजाक

की बात थी। लेकिन होल्ड ऑन क्या यह वाकई में मजाक है? यह जादू, टोना, काला जादू, ब्लैक मैजिक। क्या यह वाकई में एक्सिस्ट करता है? क्या जादू के जरिए वाकई महबूब आपके कदमों में आ जाता है? आपको मनपसंद नौकरी मिल जाती है और आपको जिस किस्म की भी बीमारी हो जादू के जरिए उसका इलाज किया जा सकता है। यह वो बातें हैं जिनके ऊपर लाखों करोड़ों लोग आज भी ईमान रखते हैं यकीन रखते हैं। लेकिन दोस्तों पिछली दफा जैसे मैंने जिन्नात का भांडा फोड़ा था ना इस तरह आज मैं आपको इस ब्लैक मैजिक की भी हकीकत बयान कर दूंगा। जिसके बाद आपको यह मंत्र तंत्र और यह सब ड्रामेबाजी से

बिल्कुल डर नहीं लगेगा। सो आए आज इस काले जादू की हकीकत जान लेते हैं। देखिए दोस्तों इंसान को किस चीज से सबसे ज्यादा डर लगता है? वो कौन सी चीज है जो इंसानों को सबसे ज्यादा खौफजदा करती है? इंसान को डर लगता है अनदेखे से। ऐसी चीजों से जो दिखाई नहीं देती लेकिन उनके होने का यकीन वह बचपन से अपने अंदर पैदा कर लेता है। इंसान को उन आवाजों से डर लगता है जो उन्हें अनदेखे सायों की तरफ इशारा करती हैं। इंसान को उन कंडीशन से खौफ आता है जिसमें वो कुछ नहीं कर सकता। अपने आप को बेबस महसूस करता है। जहां उसका इल्म खत्म हो जाता है और उसे कोई रास्ता नजर नहीं

आता। नजर आता है तो सिर्फ अंधेरा और इसी अंधेरे की पैदावार है जिन्नात और जादू। इनका नाम सुनते ही हमारी हार्ट बीट तेज हो जाती है, घबराहट महसूस होती है और परेशानी होती है। क्योंकि हमें लगता है कि जिन्नात और जादू हमारी जिंदगी के ऊपर नेगेटिव इंपैक्ट कर सकता है। पिछले हजारों सालों से इंसान इन चीजों से डरता आया है। इनसे बचने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता आया है। कभी वजीफे करता है, कभी चिल्ले करता है। कभी कुरान शरीफ पढ़ के अपने आप को इस जादू टोने से बचाने की कोशिश करता है। आज भी लोग ब्लैक मैजिक, विचक्राफ्ट इलुमिनाटी का

नाम सुनकर हैरान परेशान हो जाते हैं। और पाकिस्तान जैसे मुआशरे में जहां पर तोहमपरस्ती डॉग्मैटिज्म इंतहाई पीक पर है वहां पर लोग इस तरह की बातों के ऊपर बहुत जल्दी यकीन कर लेते हैं। लेकिन दोस्तों ऑब्वियस सवाल यह बनता है कि क्या यह काला जादू वाकई में एक्सिस्ट करता है? इसी सवाल का जवाब मैं आज आपको इस वीडियो में दे दूंगा। देखिए दोस्तों आपने बचपन से टीवी के ऊपर जादू के बहुत से प्रोग्राम्स देखे होंगे। जिसमें एक जादूगर रुमाल में से कबूतर निकाल लेता है। कभी अपने हाथ में पड़े हुए सेब को गायब कर देता है। इनफैक्ट एक जमाने में दुनिया का सबसे महंगा तरीन

मैजिशियन था डेविड कॉपरफील्ड। वो तो स्टैचू ऑफ लिबर्टी को ही गायब कर देता था। इसी तरह स्ट्रीट मैजिक के करतब भी आप लोगों ने बेतहाशा दफा देखे होंगे। यह सब दोस्तों कोई जादू नहीं होता। यह सब होती है टिप्स एंड ट्रिक्स। यह टेक्निक्स होती हैं जिनके जरिए इंसान को आंखों का धोखा दिया जाता है और यह वाकई में एक स्किल है। लेकिन जब बात ब्लैक मैजिक की आती है ना तो लोग परेशान होते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस ब्लैक मैजिक के पीछे है शैतानी ताकतें। लेकिन दोस्तों, काला जादू एक ऐसा अमल है जिसमें यूजुअली सुपर नेचुरल पावर्स को बुरे कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता

है। दुनिया के बहुत से हिस्सों में ऐसे लोग हैं जो इस बात पर यकीन रखते हैं कि हमारे आसपास कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके कब्जे में कुछ गैर फितरी कुतें होती हैं। ऐसे ही शख्स को जादूगर कहा जाता है। लोग यह बात मानते हैं कि यह लोग एक इमोरल, एक एंटीवर्ड एक अंडरवर से ताल्लुक रखते हैं। यह अंडरवर बॉलीवुड की मूवीज वाला बदमाश कल्चर नहीं है बल्कि यह अंडरवर वो है। जो हमारी नजरों से ओझल है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि इन जादूगरों के कब्जों में जिन्नात होते हैं जिन्हें वह मौकल भी कहते हैं और वह इन्हें खबरें पहुंचाते हैं कि कब कौन क्या कर रहा है। किसकी लाइफ में

क्या चल रहा है और जादूगर इन्हीं जिन्नात के जरिए लोगों के जेहन को उनके जिस्म को अपने कंट्रोल में कर लेता है। अपने वश में कर लेता है। ब्लैक मैजिक यानी काले जादू की रूट्स भी हमें एंशिएंट सिविलाइजेशंस में मिलती हैं। आपको याद होगा कि जिन्नात वाली वीडियो में मैंने आपको मेसोपोटेमियन सिविलाइजेशन के बारे में बताया था। यह वह तहजीब थी जिनका सुपर नेचुरल फोर्सेस पर भरपूर ईमान था। जब आसमान पर बिजली चमकती, तूफान या आंधी आती या फिर कोई बहुत सख्त बीमार हो जाता तो इन लोगों को लगता कि इसके पीछे ईवल फोर्सेस का काम है। इन लोगों का इन शैतानी कुतों पर इतना यकीन था

कि यह लोग चाहते थे कि किसी तरीके से, किसी जादू टोने से, किसी मंत्र से वो इन सुपर नेचुरल फोर्सेस को कंट्रोल कर सकें। इंटरेस्टिंगली यह लोग समझते थे कि हर चीज के अंदर ना एक रूह है। पत्थर में, पानी में, हवा में, इंसान के जिस्म में हर एक के अंदर एक रूह है। और अगर इंसान इस रूह को खुश कर ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर सकता है। और अगर इसी रूह तक इंसान को एक्सेस मिल जाए तो इसी का इस्तेमाल करके इंसान दूसरे लोगों के ऊपर जादू। इनफैक्ट काला जादू कर सकता है। लोगों के अंदर जिन्नात और सुपर नेचुरल फोर्सेस का बढ़ता हुआ डर देखकर लोगों ने उसका फायदा उठाना

शुरू किया। वह कहते हैं ना कि डराने वाले की गजा आपका डर है। आप जितना डरेंगे डराने वाला आपको उतना ही परेशान करेगा। और इसी डर से मुआशरे में पैदाइश हुई एक ऐसे किरदार की जिसे हम जादूगर कहते हैं। इन लोगों ने दावा करना शुरू कर दिया कि वो जिन्नात को काबू कर सकते हैं। हर किस्म की शैतानी ताकतों को काबू करके उससे कुछ भी करवा सकते हैं। और यह जिन्नात उन्हें आसमान से खबरें लाके देते हैं। बस फिर क्या था? लोगों ने अपने हर मसाइल के लिए इन जादूगरों को कंसल्ट करना शुरू किया। किसी को तकलीफ पहुंचानी होती तो जादू का सहारा लिया जाता। किसी लड़की को हासिल

करना होता तो जादूगर के पास जाया जाता। माल और दौलत हासिल करनी होती, कामयाबी हासिल करनी होती तो उसका इलाज भी जादू बन गया। यहां तक कि अगर किसी को मरवाना होता तो यह काम भी जादूगरों ने करना शुरू कर दिया। एंशिएंट सिविलाइजेशन से यह जादू और जिन्नात के कांसेप्ट्स पूरी दुनिया में फैलते चले गए। हर कल्चर ने इसको अपने तौर पर अडॉप कर लिया। कुछ लोगों ने इसे विचक्राफ्ट कहा, कुछ लोगों ने इसे सोर्सरी कहा, कुछ लोगों ने ब्लैक मैजिक और कुछ मुआशरे जहां पर अकल समझ और तालीम की कमी थी जैसे कि पाकिस्तान और इंडिया वो तो इस अमल को लेकर बिल्कुल ही दीवाने हो गए। और

इन लोगों ने इसको ब्लैक मैजिक यानी कि काला जादू कहना शुरू किया। आजकल तो यह जादू और काला जादू पूरी एक पैरेलल इंडस्ट्री बन चुकी है। इसका एक अलग ही बिजनेस मॉडल है। जहां पर अलग-अलग जादुओं के अलग-अलग रेट्स हैं। तलाक करवाने का रेट, अबॉर्शन करवाने का रेट, किसी का रिश्ता रोकने का रेट, खानदानों में लड़वाने का रेट, लोगों में अपना इन्फ्लुएंस बढ़ाने का रेट, हर चीज का एक अलदा दाम है। और जानते हैं कि किस जादू का सबसे ज्यादा रेट है। उस जादू का नाम है सेहरे इश्क। सेहरे इश्क वो जादू है जो तारीख में सबसे ज्यादा मर्दों ने इस्तेमाल

किया। यह जादू अक्सर हसीन और खूबसूरत औरतों को पाने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि जब कोई मर्द किसी औरत को हासिल नहीं कर सकता तो वो उस पे सेहरे इश्क करवाता है। और यह जादू इतना ताकतवर है कि वो औरत उल्टे पांव चलती हुई उस मर्द के पास आ जाती है। खैर काले जादू के हवाले से रिलीजियस पॉइंट ऑफ व्यू की बात की जाए तो चाहे वो क्रिश्चियनिटी हो, जुडिज्म हो या इस्लाम। यह सब मज़ाहिब उन तमाम लोगों से दूर रहने की तल्लकीन करते हैं जो यह दावा करते हैं कि उनके पास इल्म गैब है। क्रिश्चियनिटी में इसकी तारीख के बारे में बात की जाए तो उस जमाने के लोग ना अलग-अलग

फोक स्टोरीज पर बिलीव करते थे। उस जमाने के क्रिश्चियन कल्चर में विचक्राफ्ट का कांसेप्ट डीपली रूटेड था। वो लोग समझते थे कि जादूगर रात को उड़ते हैं, अपनी शक्लें बदलते हैं यानी कि कोई नया रूप इख्तियार कर लेते हैं। वो यह भी समझते थे कि यह जादूगर मुर्दों से बात करते हैं उनसे राबते में है। खवातीन तो खासतौर पर इस विचक्राफ्ट का शिकार थी। लोग यह बात समझते थे कि कुछ खवातीन इस विचक्राफ्ट में इनवॉल्व होती हैं। उनके मुताबिक विचेस यानी चुड़ैलें कभी तो बहुत ही कोई बूढ़ी खातून होती है और कभी यही बूढ़ी खातून एक परी के रूप में आपके सामने आ जाती है। और

दोस्तों क्लर्जी यानी कि मुलायत चाहे किसी भी मजहब की हो, किसी भी रिलीजन की हो वो लोगों के इसी डरो खौफ इन्हीं इल्लुजंस के ऊपर खेलती है। उस जमाने के क्रिश्चियन पादरियों ने एग्जोरसिज्म के ऊपर, जिन्नात के ऊपर, जादू टोने के ऊपर भरपूर यकीन रखना शुरू कर दिया। और इस यकीन के पीछे जो सबसे बड़ी ड्राइविंग फोर्स थी ना वो थी क्रिश्चियन चर्च के इन्फ्लुएंस को बढ़ाना और लोगों की साइकोलॉजी को अपनी मुट्ठी में कर लेना। यूरोप की डार्क एजेस और उससे भी कई सदियां पहले क्रिश्चियनिटी के अंदर एक चीज हमेशा से एकनॉलेज की गई कि इविल फोर्सेस एक्सिस्ट करती हैं। यह कांसेप्ट

भी उनके अंदर जुडेज से आया था। क्योंकि यहूदियों का यह अकीदा था कि सैटन यानी इब्लीस कोई एक शख्स नहीं बल्कि कई मुख्तलिफ बुराई की कुतें होती हैं। यानी वह इब्लीस यानी शैतान को इवल फोर्सेस कंसीडर करते हैं। इसीलिए यह जादू टोना उनमें बहुत आम था। लेकिन एज अ रिलजन एज अ मजहब जुडिज्म यानी यहूदियत ने हमेशा जादू टोने की मुखालफत ही की है। ताकि लोग इन फजूल चीजों में अपना वक्त जाया ना करें। अगर कैथोलिक्स की बात की जाए तो वह वाकई काले जादू से डरते थे। वह यह बात मानते थे कि इविल फोर्सेस और ब्लैक मैजिक हमारी लाइफ में प्रॉब्लम्स क्रिएट कर सकते हैं।

इसीलिए वह हमेशा इनसे दूर रहने का कहते। लेकिन मार्टिन लूथर की प्रोटेस्टेंट मूवमेंट ने कैथोलिक्स का यह जो बिलीफ सिस्टम था ना इसकी बुनियादें हिला के रख दी थी। प्रोटेस्टेंट्स यह बात मानते थे कि यह जादू-टोना, यह ब्लैक मैजिक, ये काला जादू यह सब ड्रामेबाजी है। इन सब कांसेप्ट्स को इन सब फिनोमिना को एक्सप्लइट किया जाता है गरीब, मासूम और अनपढ़ लोगों को एक्सप्लइट करने के लिए। इस्लाम की बात की जाए तो बहुत से मुसलमान इस बात पर ईमान रखते हैं कि यह जादू टोना, यह ब्लैक मैजिक, यह काला जादू एक्सिस्ट करता है। इसीलिए बहुत से मुसलमान लोग भी

इस काले जादू के ऊपर यकीन रखते हुए अपनी ख्वाहिशात को पूरा करना चाहते हैं। लेकिन कुरान हकीम में क्लियरली लिखा गया है कि यह जो ब्लैक मैजिक है, यह जादू है, यह सिर्फ इंसान की आंखों का धोखा है, और यह आपको बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता। यह है जी सूरह तवाहा आयत नंबर 69। और तुम भी इसे डाल दो जो तुम्हारे दाएं हाथ में है। वो उनकी बनाई हुई चीजों को निगल जाएगा। बेशक जो उन्होंने बनाया है वह तो सिर्फ जादूगरों का मकरो फरेब है और जादूगर कामयाब नहीं होता जहां भी आ जाए। और यह सुलेमान के अहदे हुकूमत में इस जादू के पीछे पड़ गए। जो शयातीन पढ़ा करते थे और

सुलेमान ने कुफ्र ना किया बल्कि शैतान काफिर हुए जो लोगों को जादू सिखाते थे। और यह तो इस जादू के पीछे भी पड़ गए थे। जो बाबिल शहर में दो फरिश्तों हारूत और मारूत पर उतारा गया था। वह लोग इन फरिश्तों से ऐसा जादू सीखते जिसके जरिए मर्द और उसकी बीवी में जुदाई डाल दें। हालांकि वह इसके जरिए किसी को अल्लाह के हुक्म के बगैर कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते थे। आप कुरान में जादू से मुताल्लिक जितनी भी आयात पढ़ेंगे वह आपको बार-बार यह बताएंगी कि आपको जादू से डरने की कोई जरूरत नहीं। कोई भी जादूगर आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और इसीलिए यह

जो जादू का लफ्ज है ना इसका दरअसल असल मतलब है ही इल्लुजन। यानी कि आंखों का धोखा। महसूस हमें यही होता है कि एक जादूगर वाकई में चीजों को गायब कर देता है। उसके पास इल्म गैब है। उसके पास मौकल है। जबकि दरअसल इट इज नथिंग मोर देन एन इलुजन। यह सिर्फ उसके पास एक स्किल है जिसके जरिए वह आम लोगों को बेवकूफ बनाता है। बहुत से लोग यह भी समझते हैं कि क्योंकि कुरान में जादू का जिक्र है लिहाजा यह एक असल एक रियल फिनोमिना है। लेकिन इससे पहले भी मैं आपको बहुत दफा समझा चुका हूं कि कुरान शरीफ की जो जुबान है ना वो मेटाफोरिकल है, एलेगोरिकल है,

तमसीली है, सिंबॉलिकल है। कुरान शरीफ सिंबलिज्म के जरिए, मेटाफर्स के जरिए आपको चीज का मतलब समझाने की कोशिश करता है। मसला सिर्फ तब बनता है जब लोग अपनी अक्ल का इस्तेमाल किए बगैर आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट चीज को समझने की कोशिश करते हैं। आज पाकिस्तान में जादू और जिन्नात पे लोगों के बिलीव्स इतने स्ट्रांग हैं कि इतनी आसानी से उन्हें खत्म नहीं किया जा सकता। क्योंकि काले जादू का बिजनेस मॉडल भी पीरी मुरीदी के बिजनेस मॉडल की तरह कई सदियों कई हजारों साल पुराना है। अगर हिंदूइज़्म को देखा जाए तो यह सबसे पुराना मजहब है। और इसमें कांसेप्ट है कि यूनिवर्स और

यूनिवर्स में मौजूद हर चीज में एक एनर्जी है। यानी सूरज, पानी, हवा हर चीज में डिवाइन फोर्स है। हर चीज में पावर है। और जब किसी एनर्जी को मंत्र, ध्यान और क्रिया से एक्टिवेट किया जाए तो वह रियलिटी को इफेक्ट कर सकती है। मंत्र कहते हैं वाइबेशंस को। ध्यान कहते हैं मेडिटेशन को और क्रिया कहते हैं रिचुअल्स को। लिहाजा हिंदू इस बात पर यकीन रखते हैं कि किसी भी चीज की एनर्जी को रिचुअल्स परफॉर्म करके मेडिटेट करके अट्रैक्ट किया जा सकता है और उससे फायदा भी लिया जा सकता है। हिंदुओं के जो पुराने रिलीजियस टेक्स्ट हैं या ओल्डेस्ट स्क्रिप्चर्स हैं ना जैसे कि

वेदास इनमें अक्सर जादू का जिक्र है और इससे बचाव के कुछ मंत्र भी बताए गए हैं। मसलन शैतानी कुतों से बचने का मंत्र, दुश्मन आत्माओं या इविल स्पिरिट्स को भगाने के कुछ रिचुअल्स या फिर दुश्मन को कमजोर करने के टोटके। लोग अपने आप को प्रोटेक्ट करने के लिए अक्सर इन रिचुअल्स को परफॉर्म करते हैं या इन मंत्रों को पढ़ते रहते हैं। आहिस्ता-आहिस्ता लोगों ने यह रियलाइज करना शुरू किया कि इन मंत्रों का विर्द करके उन्हें एनर्जी के साथ-साथ कंट्रोल भी मिलता है। इसीलिए उन्होंने लोगों के अंदर यह बात फैलानी शुरू कर दी कि अब वह इविल फोर्सेस को कंट्रोल कर सकते

हैं। उनसे जो भी काम करवाना चाहे वो करवा सकते हैं। लिहाजा यह जो काले जादू का कांसेप्ट है ना, इसका हिंदुओं की पुरानी तहजीब से भी बहुत गहरा ताल्लुक है। अगर आज की बात की जाए तो जहां-जहां हिंदूज़ आबाद है वहां बहुत बड़ी तादाद में ब्लैक मैजिक करने वाले भी मौजूद है। खासकर वेस्ट बंगाल और केरला में। हिंदू स्कॉलर्स का यह मानना है कि ब्लैक मैजिक बंगाल में ओरिजिनेट तो नहीं हुआ लेकिन वहां सर्वाइव जरूर कर गया। इसीलिए आज वेस्ट बंगाल में बहुत बड़े-बड़े जादूगर बैठे हैं। संस्कृत जबान में इन्हें तांत्रिक कहते हैं। बंगाल और केरला दोनों

रीजंस की एंशिएंट स्पिरिचुअल हिस्ट्री है। यहां लोग देवी की पूजा करते थे और उनका यह बिलीव था कि उनकी जो देवी हैं जिन्हें वह शक्ति देवी भी कहते थे उनकी एनर्जी बहुत पावरफुल है। वो चाहें तो क्रिएशन और डिस्ट्रक्शन दोनों कर सकती हैं। बंगाल और केरला दोनों जगहों पर शक्तिज्म यानी देवी को पूजना और तांत्रिज्म डोमिनेट करता है। इन दोनों ट्रेडिशंस में शक्ति यानी एनर्जी को बैलेंस करने के लिए डार्क और लाइट दोनों साइड्स एक्सेप्ट की गई हैं। मतलब उनके नजदीक जादू टोना बुरा ही नहीं है बल्कि एक एनर्जी का डार्क फॉर्म है। जो मिसयूज भी हो सकता है और उसका पॉजिटिवली

भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बंगाल की इसी तारीख की वजह से अक्सर औकात आप जब बाहर निकलते होंगे तो आपको नजर आता होगा आमिल बंगाली बाबा। बंगाल में तांत्रिकों और जादूगरों की ज्यादा तादाद मौजूद होने की वजह से आज भी इसका ब्रांड नेम बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं स्ट्रांग और बेतुके के बिलीव्स होने की वजह से आज भी लोग समझते हैं कि कोई भी मेंटल इलनेस या साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है। उसके पीछे कहीं ना कहीं काला जादू या जिन्न और जिन्नात का काम है। मेंटल इलनेस बहुत टाइप्स की होती हैं। आपके माइंड, खाने, पीने, पर्सनालिटी या मूड से रिलेटेड

और कुछ तो इतनी सीिवियर होती हैं जिनमें लोगों को साइकोसिस के सिम्टम्स आते हैं। जिन्हें लोग सुपर नेचुरल कॉजेस से जोड़ देते हैं। साइकोसिस की वजह से लोगों में एब्नॉर्मल थॉट्स आते हैं। रियलिटी की सेंस खत्म हो जाती है। यानी उनके आसपास क्या हो रहा है वो इस बात से बेखबर रहते हैं। उन्हें विजुअल और ऑडिटरी हेलुसिनेशंस होती हैं। उन्हें लगता है कि उनकी बॉडी को कोई कंट्रोल कर रहा है। और इन सब मेंटल हेल्थ इश्यूज के दौरान अगर किसी डॉक्टर को कंसल्ट करने की बजाय किसी जादूगर, किसी आमिल, किसी पीर बाबा के पास ले जाया जाए तो वो कहता है कि इसको जिन चमड़ गए हैं।

या फिर इसके ऊपर काला जादू हो गया है। और मैंने आपको बताया ना कि यह जो सारे इंस्टिट्यूशन है, तो चाहे वह पीरी मुरीदी हो, चाहे वह जिन्न और जिन्नात हो या काला जादू हो। इन सबके पीछे होती है इकोनॉमिक्स। यानी के पैसा। मासूम और अनपढ़ लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है इन जादूगरों इन आमिलों की तरफ से जो यह कहते हैं कि इस शख्स को जिन चिमड़ गए हैं। और इतने हज़ार दोगे तो फिर यह जिन इसका पीछा छोड़ेगा। होती वो स्किजोफ्रेनिया की बीमारी है। लेकिन आमिल यह कहता है कि इसके ऊपर जिन आशिक हो गया है। होता वो ए्जायटी या बायपोलर डिसऑर्डर है। लेकिन जादूगर

कहता है कि इसको जिन चिमड़ गए हैं। होती वो विजुअल एलुसिनेशंस है जिसमें एक शख्स को लगता है कि उसके सामने कोई चीज है लेकिन रियलिटी में असलियत में वो चीज वहां मौजूद नहीं होती। यह भी एक साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है। लेकिन आमिल कहता है कि इस शख्स को मुक्कल नजर आते हैं। याद रखें दोस्तों यह ब्लैक मैजिक, ये काला जादू यह सब एक बहुत बड़ी ड्रामेबाजी है। आपने शायद स्लीप पैरालिसिस का नाम सुना होगा जिसमें इंसान जब यूजली सोकर उठता है ना तो उसका दिमाग तो उठ जाता है लेकिन वो अपने जिस्म को हिला ही नहीं पाता। अक्सर इस दौरान सांस तेज चलती है। चेस्ट बहुत वजनी लगती

है। और कुछ लोगों को ऐसा लगता है जैसे कोई उनके ऊपर बैठ गया हो या कमरे में कोई मौजूद हो। यह हालत कुछ सेकंड्स या कभी-कभी चंद मिनट तक रहती है और फिर खुद ब खुद खत्म हो जाती है। साइंस के मुताबिक इस स्टेज को रेम यानी कि रैपिड आई मूवमेंट स्टेज कहते हैं। यह वो स्टेज है जिसमें हम रात को सोते हुए ड्रीम्स देखते हैं और हमारे मसल्स टेंपरेरीली स्टिफ हो जाते हैं ताकि हम ड्रीम्स देखते हुए कोई मूवमेंट ना कर सकें। इस स्टेज में हमारा ब्रेन भी स्लीप मोड में होता है। लेकिन अक्सर यह सिंक्रोनाइजेशन बिगड़ जाती है। ब्रेन स्लीप मोड से जल्दी बाहर आ जाता है और

मसल्स बाद में। इसीलिए हम चाहकर भी अपनी बॉडी मूव नहीं कर पाते। लेकिन दोस्तों पाकिस्तान जैसे मुआशरों में साइंस और टेक्नोलॉजी के बजाय जो जिन्न और जिन्नात जैसी बेवकूफी है ना उनके ऊपर ज्यादा ईमान रखा जाता है। लोग इस स्लीप पैरालिसिस को समझ बैठते हैं कि इसको जिन चिमड़ गए हैं। इसके ऊपर किसी आसेब का साया है और फिर उस शख्स को बाबों के, आमलों के, जादूगरों के चक्कर लगवाते हैं और उसकी जिंदगी बर्बाद कर देते हैं। इसके बाद एक और पर्सनालिटी का डिसऑर्डर है जिसके बारे में पाकिस्तान में यह गुमान किया जाता है कि यह भी जादू और जिन्नात का नतीजा है। इसे अक्सर

डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर या फिर आम जबान में स्प्लिट पर्सनालिटी कहा जाता है। बाय द वे इसके ऊपर पाकिस्तान में भी ड्रामे बन चुके हैं। जैसे कि इश्क ज़हे नसीब, बहरूपिया और यह दिल मेरा डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर। दोस्तों, एक ऐसी मेंटल कंडीशन है जिसमें एक ही इंसान के अंदर दो या दो से ज्यादा डिफरेंट पर्सनालिटीज एक्सिस्ट करती हैं। इस मेंटल कंडीशन में हर पर्सनालिटी का अपना अंदाज, अपनी आवाज, अपनी सोच और मेमोरीज होती हैं। और अक्सर एक पर्सनालिटी दूसरी पर्सनालिटी से बिल्कुल बेखबर होती है। मतलब जब एक इंसान के अंदर एक शख्सियत एक्टिव होती है

ना तो बाकी जो पर्सनालिटीज उसके अंदर मौजूद होती हैं, वो सो रही होती हैं। दे आर हाइबनेटिंग। उससे एसोसिएटेड उसकी सारी मेमोरीज, उसके सारे तजुर्ब, सारे एक्सपीरियंसेस वो सब डोमिनेंट होते हैं, दबे हुए होते हैं। इन पर्सनालिटीज के नाम, एज और पसंद भी एक दूसरे से बिल्कुल डिफरेंट होते हैं। लेकिन ये सारी शख्सियत एक ही इंसान में एक्सिस्ट करती हैं। किसी में दो, किसी में चार, किसी में छह। और किसी में 100। जिस तरह मेरा नाम शाहरुख है ना, मेरी एक पर्सनालिटी है, मेरी एक शख्सियत है, मेरा एक बातचीत करने का अंदाज है। इसी तरह मेरे अंदर एक और पर्सनालिटी

मौजूद होगी जिसका नाम शायद होगा बॉब प्रॉप्टर। वो अंग्रेजी जुबान में बात किया करेगा। उसका एक्सेंट भी बिल्कुल मुझसे मुख्तलिफ होगा। उसके चलने का अंदाज, उसकी पसंद नापसंद शाहरुख से बिल्कुल मुख्तलिफ होंगी। लेकिन फर्क सिर्फ यह है कि वो मौजूद मेरे जिस्म के अंदर ही होगा। होता उस शख्स को स्प्लिट पर्सनालिटी डिसऑर्डर है लेकिन लोग आमतौर पर उसे ब्लैक मैजिक या फिर जिन्नात का नतीजा कंसीडर करते हैं। पाकिस्तान में वैसे किसी ने कोई किताब नहीं पढ़नी। लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं कि यह काला जादू ये जिन जिन्नात के ऊपर जो किताबें होती है ना यह सबसे ज्यादा

बिकती हैं। यह देखिए बंगाल, यूनान, मिस्र का काला जादू। चीन और बंगाल का जादू, काला जादू, माशूक आशिक के कदमों पर। मुर्दा रूहों से बातचीत ओ हो हो खौफ आ रहा है मुझे काला जादू उर्फ अमलियात मोहब्बत ओए होए होए काला इल्म ब्लैक आर्ट आमिल बनाने वाली किताब कवायद अमलियात और तावीजात आप मार्केट में जाएं आपको इस तरह की दर्जनों किताबें मिल जाएंगी लेकिन दोस्तों मेरा आपको यह मैसेज है कि यह सब ड्रामेबाजी दो नंबरी इस तरह की कोई चीज एकिस्ट नहीं करती यह पुराने जमाने की किस्से कहानी है जिसमें अनपढ़ और इनोसेंट लोगों को बेवकूफ बनाया जाता था इन जादू जिन और जिन्नात की

कहानियां सुना के आप जरा सा अपने जेहन का रैशनलिटी का इस्तेमाल करेंगे ना तो आपको अंदाजा हो जाएगा कि नथिंग ऑफ दिस सॉर्ट एक्सिस्ट यह इंसान के डर का नतीजा है। अक्सर औकात हम लोग इस इल्म गैब इस जादू टोने इस काले जादू के चक्कर में फंस जाते हैं। बिकॉज़ वी आर अनसर्टेन अबाउट आवर फ्यूचर। हम लोग अपने मुस्तकबिल को लेकर डर का शिकार होते हैं। और यह डर ही हमारे अंदर इस फीलिंग को पनपता है, नर्चर करता है, जन्म देता है कि जादू के जरिए हम अपने मुस्तकबिल को बदल सकते हैं या किसी से बदला ले सकते हैं। पाकिस्तानियों को, इंडियंस को मेरा मैसेज यह है कि वक्त आ

गया है कि अब साइंस और टेक्नोलॉजी के जरिए हम अपनी किस्मतों को बदलें। रादर देन गोइंग टू एन आमिल बाबा। हमेशा की तरह मेरा आपको मैसेज यह है कि अगर आपने अपनी जिंदगी की डायरेक्शन को बदलना है ना तो वह होगा सिर्फ आपकी मेहनत से, आपकी कमिटमेंट से, आपकी लगन से। इन पीर बाबों, इन जादू, जिन जिन्नात के चक्करों में ना पड़े। यह लोग सिर्फ आपको बेवकूफ बनाते हैं और आपसे पैसे बटोरते हैं। अगर आपने ऐसा ना किया और अभी भी आप इस जादू टोने के चक्कर में फंसे रहे, बकरे की सीढ़ियों को जमा करते रहे तो यह ना हो कि उम्र कट जाए और महबूब कभी भी

आपके कदमों में ना आ पाए। मेरी बातों के बारे में जरूर सोचिएगा। गुड बाय।

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