पांच ऐसे लोग जो आपकी जिंदगी हमेशा के लिए बर्बाद कर सकते हैं। [संगीत] दोस्तों क्या आप कभी किसी ऐसे शख्स से मिले हैं जो आपको हर वक्त गलत साबित करने की कोशिश करता हो। जो आपकी छोटी सी बात का बड़ा इशू बना देता हो जो हर बात का ब्लेम आपके ऊपर डाल देता हो। और आप सोचते ही रह जाए कि यार आखिर मैंने किया क्या है? मैं यह बात गारंटी से कह सकता हूं कि इस तरह के लोग आपको स्कूल में, कॉलेज में, यूनिवर्सिटी में, आपकी फैमिली में जरूर मिले होंगे। कई बार ऐसा होता है कि आपकी जिंदगी में कोई ऐसा शख्स आता है जो आपको बहुत खुश कर देता है। वो बहुत चार्मिंग
होता है, सपोर्टिव होता है। आपको खुश रखता है। जब भी आप उसके साथ होते हैं तो आप अपनी कंफर्ट ज़ोन से निकल कर उसके लिए एफर्ट्स करना शुरू कर देते हैं। लेकिन वही शख्स जो आज से कुछ अरसा पहले आपके लिए बहुत सपोर्टिव था, केयरिंग था, आपको प्यार करता था, वो यकदम आपको हर बात के लिए ब्लेम करना शुरू कर देता है। आपके बारे में अफवाएं फैलाना शुरू कर देता है। और दूसरों के सामने आपकी इमेज खराब करता है और आप सारी उम्र के लिए इस सोच में पड़ जाते हैं कि यार यह किस तरह का शख्स था। ऐसे लोग सिर्फ आपके इमोशंस के साथ नहीं खेलते बल्कि वो आपकी जिंदगी को मुश्किल
बना देते हैं। आप कंफ्यूज हो जाते हैं। अपनी ही गलतियां ढूंढने लगते हैं और आपको लगता है कि प्रॉब्लम आप में ही है। लेकिन असल में प्रॉब्लम आप में नहीं बल्कि उस शख्स में होती है। ऐसे लोगों को साइकोलॉजी की टर्म में कहा जाता है हाइली कॉन्फ्लिक्टेड पर्सनालिटीज़। और इसी पर बिल एडी ने एक जबरदस्त किताब लिखी है जो कि है फाइव टाइप्स ऑफ पीपल हु कैन रूइन योर लाइफ। इस किताब में बिल एडी ने उन पांच हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज का जिक्र किया है जो दिखने में आम लोग लगते हैं। लेकिन आपको वो इमोशनली ड्रेन कर देते हैं। यह लोग ब्लेम गेम करते हैं। झूठ बोलने में
माहिर होते हैं और आपको मैनपुलेट करके आपसे अपनी मर्जी का काम करवाने की कोशिश करते हैं। बिल की इस किताब की खास बात है कि इसमें उसने ना सिर्फ इन पांच पर्सनालिटीज के बारे में बताया कि यह कौन है? इनको आइडेंटिफाई कैसे करना है? बल्कि यह भी बताया दैट वंस यू आइडेंटिफाई देम तो इनके साथ डील कैसे करना है? इनको अवॉयड कैसे करना है? बिल का कहना है कि आप अपनी जिंदगी में जिन लोगों से मिलते हैं उनमें से 80 टू 90% लोगों पर आप ट्रस्ट कर सकते हैं। वो जैसा बाहर से दिखते हैं अंदर से भी वैसे ही होते हैं। लेकिन बाकी के जो 10% है ना वो उन पांच टाइप्स में से होते
हैं जो आपकी रेपुटेशन, सेल्फ एस्टीम और करियर खराब कर सकते हैं। 10% का मतलब है कि अगर आपके सामने 10 लोग खड़े हो तो उनमें से एक शख्स ऐसा जरूर होगा जिसका ताल्लुक इन पांच पर्सनालिटी टाइप से होगा। इन लोगों की शख्सियत में एक एक्सट्रीम वर्जन होता है जिसे हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटी कहा जाता है। एक नॉर्मल आदमी के अंदर टेंडेंसी होती है कि जब भी उसके सामने कोई फाइट होती है या कोई कॉन्फ्लिक्ट होता है तो वो उसे कम करने की कोशिश करता है। लेकिन इस तरह के लोग इस कॉन्फ्लिक्ट को एक्सप्लइट करते हैं बल्कि कंपल्सिवली उन्हें बढ़ाते हैं। यह लोग
अपनी एनर्जी इस तरह यूज़ करते हैं कि किसी टारगेट ऑफ ब्लेम को चुन लेते हैं और फिर उसको बेरहमी से अटैक करते हैं। कभी वर्बली, कभी इमोशनली, कभी फाइनेंसियली, कभी रेपुटेशन डिस्ट्रॉय करके। कभी कोर्ट केसेस करके और कभी फिजिकली भी। और अजीब सी बात यह है कि इस तरह के साइकोलॉजिकल अटैक्स महीनों और सालों चल सकते हैं। चाहे इनिशियल कॉन्फ्लिक्ट छोटा ही क्यों ना हो। साइकोलॉजी में पांच मशहूर पर्सनालिटी डिसऑर्डर्स हैं। और यह लोग जिन्हें बिल एडी हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज कहता है, उनमें अक्सर इन्हीं पांच पर्सनालिटी डिसऑर्डर्स में से किसी एक या दो के
ट्रेट्स मौजूद होते हैं। अब यहां पर ना आपने एक बहुत ही इंपॉर्टेंट बात को नोट करना है। जिन लोगों के अंदर सिंपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर होता है ना, तो उस डिसऑर्डर की वजह से सिर्फ उन्हीं की लाइफ इंपैक्ट होती है। वो किसी और शख्स को कॉन्शियसली नुकसान नहीं पहुंचाते। लेकिन जो हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज हैं, वह लोगों को चुन चुन कर तंग करते हैं। उनका हमेशा कोई ना कोई टारगेट ऑफ ब्लेम जरूर होता है जो वक्त के साथ-साथ बदलता रहता है। लेकिन ये पांच हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज है क्या? इसके बारे में अपनी डिस्कशन को स्टार्ट करते हैं। सबसे पहले
बारी आती है नार्सिसिस्टिक हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज। क्या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं जो हर वक्त अपने आप को दूसरों से बेहतर समझता है और इस बात को साबित करने की कोशिश में लगा रहता है। ऐसे लोग आपको शुरू शुरू में बहुत चार्मिंग लगते हैं, बहुत कॉन्फिडेंट लगते हैं और आप इसी वजह से इनसे बहुत ज्यादा इंप्रेस भी हो जाते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता है, आप यह रियलाइज करते हैं कि उनके अंदर एक अजीब सी टेंडेंसी है। उन्हें हर वक्त लगता है कि वो दूसरों से सुपीरियर है। दे वांट टू बी द सेंटर ऑफ़ अटेंशन। उन्हें यह लगता है कि सारी दुनिया उन्हें स्पेशल
ट्रीटमेंट दे। नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर पांच हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटी डिसऑर्डर्स में से सबसे ज्यादा कॉमन है। अच्छा इनमें एक और कैटेगरी है जो कि है लो कॉन्फ्लिक्ट नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटीज। इनके साथ रहना भी बहुत मुश्किल होता है क्योंकि वो हर वक्त सेल्फ अब्सॉर्ब्ड होते हैं। दे आर सेल्फ ऑब्सेस्ड। उन्हें हर वक्त सिर्फ अपनी ही बड़ी रहती है। लेकिन हाई कॉन्फ्लिक्ट नार्सिसिस्ट बिल्कुल अलग होते हैं। यह लोग सीधा आप पर वार करते हैं। आपको नुकसान पहुंचाने से घबराते नहीं है। और अपने किए गए हर नुकसान को अपनी सेल्फोर्टेंस के जरिए जस्टिफाई करते हैं।
और इसमें सबसे खतरनाक बात यह है कि वो आपके साथ बहुत बुरा कर जाते हैं और उन्हें महसूस ही नहीं होता दैट दे हैव डन समथिंग बैड विद यू। दे बिकम इनफरेंट टू देयर एटीट्यूड। उन्हें पता ही नहीं लगता कि सामने वाला शख्स उनके बिहेवियर से हर्ट हो रहा है। नार्सिसिस्टिक हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज कभी भी ऑथेंटिक रिलेशनशिप नहीं बनाते। अपने रिलेशनशिप्स में एफर्ट डालने के लिए रेडी नहीं होते। हर गलती का ब्लेम दूसरों पर डालते हैं और आपको बहुत आसानी से छोड़ देते हैं। इनके बारे में खास बात यह है दैट दे आर एक्सपर्ट सीसर्स। इनका कॉन्फिडेंस कमाल का, इनकी चार
नेक्स्ट लेवल जिसकी वजह से आप बहुत जल्द इनके चुंगल में फंस जाते हैं। बट इवेंचुअली यू रियलाइज कि यह शख्स आपके लिए बहुत डेंजरस है। नार्सिसिस्ट कुछ भी कॉन्शियसली नहीं करते बल्कि उनकी पास्ट लाइफ, उनका अब्यूसिव चाइल्डहुड उनसे कुछ ऐसे बिहेवियर करा देता है जो उनके कंट्रोल में ही नहीं होता। वो इतने सेल्फ अब्सॉर्ब्ड होते हैं कि वो आपको नोटिस ही नहीं कर पाते। जब वो आपको अपना टारगेट और ब्लेम बनाते हैं वो इसलिए क्योंकि आप इजी हो और अवेलेबल हो। लेकिन दोस्तों यहां पर यह बात भी याद रखें कि हर शख्स जो सेल्फ अब्सॉर्बड्ड है, जो खुद पसंदी का शिकार
है, वह नार्सिसिस्ट नहीं होता। एक हेल्दी नार्सिसिज्म भी होता है जो किसी भी शख्स को आगे बढ़ने में मदद करता है। इट मेक्स देम सक्सेसफुल एज वेल। लेकिन असल सवाल यह है कि ये जो हाई कॉन्फ्लिक्ट नार्सिसिस्ट है इनको आइडेंटिफाई कैसे करना है? इसका बहुत ही आसान तरीका है कि इस तरह के लोगों की कन्वर्सेशन यानी गुफ्तगू को ना आप ऑब्जर्व करना शुरू करें। अगर उनकी कम्युनिकेशन में, कन्वर्सेशन में, गुफ्तगू में एक्सट्रीम वर्ड्स का इस्तेमाल होता है और वह कभी भी किसी बात का ब्लेम लेने को तैयार नहीं होते तो चांसेस इस बात के हाईए हैं कि वो एक हाई कॉन्फ्लिक्ट नार्सिसिस्ट
है। बिल एडी ने इस तरह के लोगों को आइडेंटिफाई करने का एक बहुत ही सिंपल फार्मूला बताया है जो कि है वेब, डब्ल्यू फॉर वर्ड्स, ई फॉर इमोशंस एंड बी फॉर बिहेवियर्स। आप इनके ऐसे लफ्जों पर गौर करें जो अनहेल्दी नार्सिसिज्म को शो करते हैं। जैसे एोगेंस दूसरों के लिए एमथी का ना होना या किसी के लिए नफरत का जिक्र करना। उनके लफ्जों में उनके सेंटेंसेस में अक्सर ऐसी बातें होती हैं जो सामने वाले शख्स को बिलिटल करती है, डिग्रेड करती हैं, उसकी इंसल्ट करती हैं। उनके अल्फाज़ में आपको सुपीरियरिटी नजर आएगी, एंटाइटलमेंट नजर आएगी। उन्हें लगेगा कि
सारी दुनिया उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है। ऐसे में आपको उनके वर्ड से अंदाजा हो जाएगा कि यह शख्स नार्सिसिस्ट है या नहीं। सेकंड पे है इमोशंस। आपको ना अपनी ग फीलिंग को ऑब्जर्व करना है। क्या आप उनकी बातों से अनकंफर्टेबल होते हैं? क्या आप किसी शख्स की मौजूदगी में या फिर उनके बारे में सोच कर डरते हैं? क्या कोई ऐसा शख्स आपकी जिंदगी में मौजूद है जो जब आपके साथ होता है आप सही तरीके से सांस भी नहीं ले पाते। क्योंकि नार्सिसिस्ट के बारे में कहा जाता है कि वह इतने टॉक्सिक होते हैं कि वह सारे रूम की ऑक्सीजन खा लेते हैं। ऐसे लोगों के साथ रहकर आपको अपनी
इंटेलिजेंस पर, कॉम्पिटेंस पर, कॉन्फिडेंस पर शक होने लगता है। जब भी आप ऐसे नार्सिसिस्ट लोगों से मिलते हैं तो उसके बाद आपकी एनर्जी ड्रेन हो चुकी होती है। यू फील हेल्पलेस एंड होपलेस। और फिर आता है इनका बिहेवियर। आपने यह नोटिस करना है कि क्या यह शख्स दूसरों के साथ अग्रेसिव बिहेवियर रखता है और अक्सर औकात लोगों के सामने अपनी सुपीरियरिटी को जतलाता रहता है। आपने ऐसे लोगों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं। अब सवाल यह है कि आपने इस शख्स के साथ डील कैसे करना है? देखिए अगर आप इसको अवॉइड कर सकते हैं तो मेक श्योर दैट यू अवॉयड देम।
इंटरेक्शन लिमिट कर दें। अगर वो आपके साथ रिलेशनशिप में है और आपने शुरू के दिनों में उसकी पर्सनालिटी आइडेंटिफाई कर ली है तो अपने आप को उस शख्स से दूर कर लें। लेकिन अगर आप अवॉयड नहीं कर सकते आपके वर्क प्लेस पर ऐसे लोग हैं जो हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज हैं, नर्सिसिस्ट हैं तो फिर आपने क्या करना है? देखिए पहली ट्रिक ये है कि आपने उनको कभी भी इस बात की रियलाइजेशन नहीं होने देनी कि वो गलत है। चाहे वो क्लियरली गलत ही क्यों ना हो। उनके झूठ को, उनकी डिसेप्शन को पॉइंट आउट ना करें। अदरवाइज दे विल कम बैक स्ट्रांगली ऑन यू। आपने काम रहना है, नॉन
रिएक्टिव रहना है, गुस्सा नहीं करना और कोशिश करनी है कि जितनी जल्दी आप उस कम्युनिकेशन से डिसंगेज हो सके हो जाए। कॉन्फ्लिक्ट को न्यूट्रलाइज या मैनेज करने के लिए बिल एडी ने एक जबरदस्त टेक्निक का इस्तेमाल किया है जो कि है कार्स। कार्स मेथड का पहला कॉम्पोनेंट है कनेक्टिंग। इसका मतलब है कि जब आप हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सन के साथ डील कर रहे हो तो कॉन्फ्लिक्ट को काम करने के लिए पहले उनसे कनेक्ट करने की कोशिश करें। यह कनेक्शन एम्पैेथी, अटेंशन और रिस्पेक्ट की बेस पे होना चाहिए। यानी आप ऐसी स्टेटमेंट्स यूज़ करें जिनके अंदर ये तीनों कॉम्पोनेंट्स
मौजूद हो। मसलन मैं यह समझ सकता हूं कि यह सिचुएशन आपके लिए बहुत फ्रस्ट्रेटिंग है और मैं आपकी एफर्ट्स को एप्रिशिएट करता हूं कि आप इस कॉन्फ्लिक्ट को रॉल्व करना चाहते हैं। मुझे बताएं मैं आपकी हेल्प कैसे कर सकता हूं या फिर कुछ ऐसी स्टेटमेंट्स मैं आपकी कमिटमेंट की बहुत रिस्पेक्ट करता हूं। इस तरह की स्टेटमेंट से नार्सिसिस्ट को बहुत अच्छा फील होता है। दे फील इलेटेड और आपका काम भी हो जाता है। कार्स का दूसरा कॉम्पोनेंट है एनालाइजिंग। इसका मतलब है कि आप कन्वर्सेशन में सामने वाले को ऑप्शंस या चॉइससेस प्रोवाइड करें। जब आप किसी
नार्सिसिस्टिक, हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटी को चॉइसेस देते हैं ना, तो वह खुद को ज्यादा एंपावर्ड और रिस्पेक्टेड फील करता है। फॉर एग्जांपल, अगर कोई नार्सिसिस्टिक, हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटी आपके पास किसी काम के लिए आए उस वक्त जब वो स्केेड्यूल में नहीं था, तो आप उसके साथ कैसे डील करेंगे? आप ये कह सकते हैं कि मैं अभी आपकी मदद कर सकता हूं, लेकिन सिर्फ 5 मिनट के लिए। अगले हफ्ते अगर हम स्केडुल कर लें, तो मैं इसके ऊपर आपके साथ लगभग 1 घंटा स्पेंड कर सकता हूं। अब आप चूज़ कर लें कि व्हाट डू यू वांट? इस तरह आप उनकी डिमांड को चॉइस में
कन्वर्ट करके उनके साथ आसानी से डील कर लेंगे। थर्ड कॉम्पोनेंट है रिसोंडिंग। अगर कोई नार्सिसिस्टिक शख्स आपके बारे में फॉल्स स्टेटमेंट्स दे रहा है या आपकी रेपुटेशन को टार्निश करने की कोशिश कर रहा है तो बस एक मैटर ऑफ़ फैक्ट स्टेटमेंट दें जिसमें सिर्फ एक्यूरेट इनफेशन हो और कन्वर्सेशन को एंड कर दें। और आखिरी कॉम्पोनेंट है सेटिंग लिमिट्स। यानी अगर आप पहले से एक नार्सिसिस्टिक शख्स के साथ रिलेशनशिप में हैं तो आप उन्हें मैनेज कर सकते हैं। लेकिन बहुत केयरफुली लिमिट सेट करके और उन लिमिट्स को बार-बार इनफोर्स करके। लेकिन अगर आप किसी हाई कॉन्फ्लिक्ट
नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी के साथ रिलेशनशिप में और आप उसको लिमिट करना चाहते हैं, रिड्यूस करना चाहते हैं, तो आपको यह बहुत स्ट्रेटेजिकली और क्लेवर तरीके से करना पड़ेगा। क्योंकि ऐसे लोग रिजेक्शन को लेकर बहुत सेंसिटिव होते हैं और किसी भी छोटी बात को एक बहुत बड़ा थ्रेट कंसीडर कर लेते हैं। ऐसे में आपके लिए कुछ टिप्स यह हैं। हमेशा रिस्पेक्टफुल रहें और नासिस इस शख्स से कभी भी आर्गुममेंट ना करें। सिचुएशन को क्लेवरली डील करें। यू विल कम आउट ऑफ इट। सेकंड पे है बॉर्डर लाइन हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज। शायद आप कभी किसी ऐसे शख्स
से मिले हो जो एक लम्हे में बहुत ही केयरिंग, सपोर्टिव और लविंग हो और दूसरे ही लम्हे वो आप पर चीखना चिल्लाना शुरू कर दे। आपको वर्बली और फिजिकली अब्यूज करना शुरू कर दे। ऐसे लोग अपना बिहेवियर इतनी जल्दी चेंज करते हैं कि आपको समझ ही नहीं लगती। कभी बहुत अच्छे और कभी बहुत बुरे। ऐसे लोग बॉर्डर लाइन हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटी होते हैं। यह जो बॉर्डर लाइन हाई कॉन्फ्लिक्ट लोग होते हैं ना इनका बिहेवियर ऐसा होता है कि वो अपने स्पेसिफिक टारगेट ऑफ ब्लेम पर महीनों या सालों तक फिक्स हो जाते हैं। यह फिक्सेशन इमोशनल हरासमेंट, लीगल केसेस या बार-बार
फिजिकल असॉल्ट्स तक जा सकती है। एक स्टडी के मुताबिक 53% बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर वाले लोग फीमेल्स और 47% मेल्स होते हैं। यह जो बॉटल लाइन हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज़ होती हैं, इनके बिहेवियर में तीन ऐसे कैरेक्टरिस्टिक्स होते हैं जिनके बेसिस पर आप फ़ौरन आइडेंटिफाई कर सकते हैं कि यह बॉटल लाइन है या नहीं। पहला है फियर ऑफ अबेंडनमेंट। इन लोगों को हमेशा डर रहता है कि कोई उन्हें छोड़ ना दे। इसीलिए वो कांस्टेंटली किंग करते हैं और अपने पार्टनर से खासतौर पर रीअशोरेंस मांगते रहते हैं। इनको हमेशा लगता है कि कोई उन्हें छोड़ ना दे। यही वजह
है कि रिलेशनशिप्स के अंदर वह हमेशा अपने पार्टनर के ऊपर क्लिंग करते रहते हैं। उनसे उनके प्यार की, उनके सपोर्ट की, उनके केयर की, रीअशोरेंस मांगते रहते हैं। दूसरे पे है वाइड मूड स्विंग्स। इनका मूड बहुत तेजी से चेंज होता है। एक मोमेंट में बहुत ही फ्रेंडली, बहुत ही अच्छे और दूसरे लम्हे बहुत ज्यादा गुस्सा। तीसरा है स्प्लिटिंग। यह अक्सर लोगों को या तो कंप्लीटली अच्छा या फिर कंप्लीटली बुरा देखते हैं। यानी कि एक्सट्रीम बिहेवियर। दोस्तों, फियर ऑफ अबेंडनमेंट जो है ना, वह इस डिसऑर्डर का सबसे कोर रेट है। यही वजह है कि बॉर्डर लाइन पर्सनालिटीज अक्सर
क्लिंगी होती हैं और अपने पार्टनर्स को इतनी आसानी से जाने नहीं देती। कॉन्फ्लिक्ट्स के दौरान यह लोग अक्सर डिवोर्स की धमकी जरूर देते हैं। लेकिन यह इतनी आसानी से अपने पार्टनर को नहीं छोड़ते और सिर्फ पार्टनर को ही नहीं यह हर किसी के साथ ऐसे ही बिहेव करते हैं। अपने क्लोज फ्रेंड्स को बार-बार कॉल करते हैं। इवन अपने थेरेपिस्ट को भी बार-बार कांटेक्ट करते रहते हैं। इन लोगों को बेसिकली कास्टेंट कांटेक्ट और रीअशोरेंस चाहिए होती है। आपके साथ जब इंटरेक्शन होगा ना तो पहले कुछ महीनों में यह बहुत फ्रेंडली होंगे। लेकिन वक्त के साथ-साथ
आपको अंदाजा होगा कि आप इनको जितनी भी रीअशोरेंस दे दे कि आप उनके साथ हैं। लेकिन फिर भी वह सेटिस्फाई नहीं होते। बॉटल लाइन पर्सनालिटी वाले लोगों को भी आइडेंटिफाई करने का वही तरीका है जो मैंने आपको पहले बताया। इनकी कन्वर्सेशन को ऑब्जर्व करें। यह अक्सर औकात आपको यह सेंटेंसेस यूज़ करते हुए मिलेंगे। लोग हमेशा मुझे छोड़ देते हैं। या फिर लोग हमेशा मेरा फायदा उठाते हैं। अगर हम इमोशंस की बात करें तो शुरू में बहुत पॉजिटिव इमोशंस आपको फील होंगे। लव, केयर, फ्रेंडशिप, अटेंशन। लेकिन टाइम के साथ-साथ यह एक्सट्रीम होते जाएंगे और इनकी
इंटेंसिटी ही आपके लिए मेजर प्रॉब्लम क्रिएट करेगी। इनके साथ रिलेशनशिप में आने के बाद कोई भी बड़ा डिसीजन या लॉन्ग टर्म कमिटमेंट करने से पहले आप तकरीबन एक साल का वक्त जरूर लें। इनके बिहेवियर को अच्छी तरह ऑब्जर्व करें। देखें कि जब यह गुस्से में आते हैं तो कैसे रिएक्ट करते हैं। आपने अपने बिहेवियर को भी एनालाइज करना है। आप देखें कि क्या सब कुछ बहुत जल्दी-जल्दी हो रहा है। यानी कि इंगेजमेंट या फिर शादी की बातें। क्या सामने वाला शख्स आपकी बाउंड्रीज की रिस्पेक्ट करता है? क्या वो बार-बार आपकी लॉयल्टी का प्रूफ मांगता है? क्योंकि अगर ऐसा है तो
वो श्योरली एक बॉडी लाइन पर्सनालिटी है। बी वेरी वेरी केयरफुल। ऐसे लोगों के साथ आप रिलेशनशिप में तो आ जाते हैं बट दे कैन मेक योर लाइफ अ डिजास्टर। जो तीसरी टाइप है हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटी की है वो है एंटीसोशल। इन्हें साइकोपैथ्स भी कहा जाता है। यह लोग सबसे ज्यादा चार्मिंग, कैरिस्मेटिक और सबसे ज्यादा डेंजरस हो सकते हैं। अक्सर लोग इन्हें क्रिमिनल पर्सनालिटी समझते हैं। लेकिन ज्यादातर सोशियोपैथ जेल में नहीं बल्कि आपके आसपास आपकी डेली लाइफ में ही पाए जाते हैं। एंटी सोशल हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज ना बिल्कुल बच्चों की तरह होते हैं। उनको जो
चीज चाहिए वो अभी चाहिए। अगर आप इनके रास्ते में आएंगे तो यह आपको रास्ते से हटा देंगे। तो चाहे ऐसा करने के लिए उनको आपका मर्डर ही क्यों ना करना पड़े। इन लोगों को ऐसी एक्ट्स का कोई पछतावा, कोई ए्बरेसमेंट, कोई शे महसूस नहीं होती। इनफैक्ट इन्हें दूसरों को हर्ट करके मजा आता है। एंटीसोशल पर्सनालिटीज का ड्राइव होता है डोमिनेंस और वो सिर्फ कंट्रोल को फील करने के लिए आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं। जेंडर के हवाले से यह पर्सनालिटी ज्यादातर मर्दों में पाई जाती है। तकरीबन 74%। लेकिन 26 फीसद औरतें भी इस डिसऑर्डर का शिकार होती हैं। इनको
आईडेंटिफाई करने के लिए भी तीन चीजें मैं आपको बता देता हूं। पहला यह कि ऐसे लोग सोशल रूल्स, नॉर्म्स और लॉज़ को बिना किसी अफसोस और गिल्ट के तोड़ देते हैं। दूसरा है धोखा देना। झूठ बोलकर आपको अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना। और तीसरा है दूसरों को डोमिनेट करने की कोशिश करना। उनको कंट्रोल करना। सो बेसिकली ये जो एंटी सोशल हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज है ना इनको दूसरों पर हुकूमत करने का बहुत मजा आता है। वो हर उस सिचुएशन का मुकाबला करते हैं जहां उन्हें लगता है कि उनके ऊपर कोई हुकूमत कर रहा है। आमतौर पर यह लोग लड़ाई में जल्दी शामिल हो जाते हैं और पीछे हटने
को तैयार नहीं होते। चाहे इनको चोट ही क्यों ना लग जाए। एंटीसोशल लोगों के बारे में एक और खासियत या इनका एक और कैरेक्टरिस्टिक यह है कि यह लोग बहुत तेज बोलते हैं और ऐसा काबिल यकीन झूठ बोलते हैं कि आपको अपने आप के ऊपर शक होने लगता है। इसीलिए इन्हें कौन आर्टिस्ट भी कहा जाता है। यह आपका भरोसा जीतने के लिए अपने राज शेयर करते हैं ताकि आप उनकी बातों पर, अपने जज्बात और सोचने से ज्यादा यकीन करें। ऐसे लोगों की अगर आप गुफ्तगू को ऑब्जर्व करें ना तो यह एक लफ्ज का बहुत इस्तेमाल करते हैं। ट्रस्ट मी। इसके अलावा या तो यह आपकी बहुत तारीफ करते हैं दैट यू
आर द बेस्ट या फिर अपने बारे में बताते हैं कि यह बेस्ट है। जो भी शख्स आपको ऐसा लगे दैट ही इज टू गुड टू बी ट्रू तो यह एक वार्निंग साइन है कि यह एक साइकोपैथ की निशानी है। फिर आते हैं पैरानोइड हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज। यह लोग डीपली सस्िशियस होते हैं और इनको हर वक्त बेट्रियल का डर लगा रहता है। इनको लगता है कि दूसरे लोग इन्हें धोखा दे रहे हैं। इसीलिए यह उन्हें नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। जो लोग पैरानॉइड हाई कॉन्फ्लिक्ट होते हैं ना वो हर वक्त कोई ना कोई कॉनस्परेसी इमेजिन करते रहते हैं। उन्हें हर वक्त लगता है कि कोई ना कोई
शख्स उनके खिलाफ साजिश कर रहा है और वो इसी परेशानी में सारी उम्र गुजार देते हैं। यह पर्सनालिटी टाइप पहले वर्बली अटैक करती है। यह लोग अफवाहएं फैलाते हैं। अपने ए्प्लयर्स पर केस कर देते हैं। यह दूसरे लोगों की जिंदगी इसलिए खराब करते हैं कि उन्हें लगता है कि सामने वाला शख्स उनके खिलाफ साजिश कर रहा है और अगर इन्होंने अभी एक्शन ना लिया तो वो शख्स इनकी जिंदगी बर्बाद कर देगा। इनकी भी पहचान करने के लिए तीन कैरेक्टरिस्टिक्स हैं। यह लोग बिना किसी वजह के दूसरे लोगों पर शक करते हैं। दूसरों से छोटी-छोटी बातों पर ग्रजेस रखते हैं। इसके अलावा उन्हें लगता है कि
कोई शख्स, कोई इंडिविजुअल या कोई ग्रुप उनके खिलाफ साजिश कर रहा है। उनकी रेपुटेशन खराब करने की कोशिश कर रहा है। अक्सर आप किसी पैरान शख्स को पहली दफा तब पहचानते हैं जब वो आपको किसी इंडिविजुअल या ग्रुप के खिलाफ भड़काने की कोशिश करते हैं। वो हर वक्त आपसे किसी कॉनस्परेसी का जिक्र करेंगे, किसी साजिश का जिक्र करेंगे। हर वक्त एक विक्टिम कार्ड प्ले करेंगे। इनकी गुफ्तगू को ऑब्जर्व करें तो अक्सर औकात यह लोग यह बातें करते हैं। मुझे उस शख्स से बहुत डर लगता है। तुम जरा देखो। उसको अगर मौका मिला तो वो तुम्हें नुकसान पहुंचाएगा। मुझे यकीन है इस लड़की
का अपने बॉस के साथ अफेयर है। देखा तुमने वो उसे कैसे देखती है। यही वजह है कि उसको प्रमोशन मिली है। बी वेरी वेरी केयरफुल ऑफ़ पैरानॉइड पीपल। दे कैन हर्ट यू रियली बैड। और आखरी टाइप है हिस्टनिक हाई कॉन्फ्लिक्ट पर्सनालिटीज। यह लोग बहुत ड्रामेटिक और एक्साइटिंग पर्सनालिटीज रखते हैं। यह अक्सर वाइल्ड, एक्सट्रीम और कभी-कभी आपको बिल्कुल झूठी स्टोरी सुनाते हैं। इस किस्म के लोग इस बात से मोटिवेट होते हैं कि कहीं उसे नजरअंदाज ना कर दिया जाए। यही वजह है कि हर वक्त वो सेंटर ऑफ अटेंशन बनने की कोशिश करते हैं। आम जबान में हम इन्हें अटेंशन सीकिंग भी कहते हैं। यह लोग
बहुत ज्यादा इमोशनल इंटेंसिटी रखते हैं और इनके इमोशंस कंटेजियस होते हैं। इसीलिए लोग इनके इमोशंस देखकर इनकी बातें मान जाते हैं। तो चाहे इनकी बातों में सच्चाई हो या ना हो। इनको पहचानने की भी तीन कैरेक्टरिस्टिक्स यह हैं। यह लोग हर वक्त सेंटर ऑफ अटेंशन बनना चाहते हैं। यह लोग ड्रामेटिक अंदाज में बात करते हैं। जिसमें डिटेल्स कम होती हैं। लेकिन इमोशंस बहुत एक्साजरेटेड होते हैं। रिलेशनशिप्स में हर चीज को एकजुरेट करते हैं। सारी दुनिया को बताते हैं कि उनका पार्टनर उनका कितना ख्याल रखता है। ऐसे लोग जब भी नेगलेक्टेड फील करते हैं ना तो ये लोग बहुत ड्रामा
क्रिएट करते हैं। कहा जाता है कि बहुत से मूवी स्टार्स, रॉकस्टार्स और परफॉर्मर्स में यह ट्रेड होते हैं। अपने इमोशंस के जरिए वो लोगों की अटेंशन हासिल करने और उन्हें होल्ड करने में महारत रखते हैं। ऐसे लोग शॉर्ट टर्म के लिए आपकी जिंदगी में एक्साइटमेंट तो ले आएंगे लेकिन बिल आखिर ये एक्साइटमेंट ट्रांसफॉर्म होगी ड्रामा में और ये ड्रामा बिलाखिर आपके लिए एक डिजास्टर बन जाएगा। सो दोस्तों ये थी वो पांच पर्सनालिटीज जो आपकी जिंदगी को डिस्ट्रॉय कर सकती हैं। लेकिन मेरा ना इस मामले में बिल्कुल अलग पर्सपेक्टिव है। मेरे सामने जब इस तरह का कोई शख्स आता है
ना तो मैं उसको लेकर एक्साइटेड हो जाता हूं। क्योंकि मेरे लिए उसकी साइकोलॉजी के अंदर झांक के देखना बहुत इंपॉर्टेंट हो जाता है। मैं उस चीज को दरियाफ्त करना चाहता हूं। एक्सप्लोर करना चाहता हूं। उसके अंदर डीप डव करना चाहता हूं कि उनके साथ ऐसा क्या हुआ है जिंदगी में जिसकी वजह से उनकी शख्सियत ऐसी हो गई है। लिहाजा मेरा आपको पर्सनल मशवरा यह है कि अगर आपकी जिंदगी में ऐसे लोग हैं ना तो इनसे परेशान ना हो। इनको समझने की कोशिश करें। व्हाट हैज़ गॉन रोंग विथ देम? उनका बचपन कैसा था? उनकी जिंदगी में वो क्या वाक्यात थे? वो क्या ट्रॉमास थे? जिनकी वजह से उनकी
पर्सनालिटी इस तरह से शेप अप हुई है। यह बात ठीक है कि आपने इन लोगों को स्ट्रेटेजिकली डील करना है। लेकिन याद रखें हमारी जो साइकोलॉजी की डीप और डार्क लेयर्स है ना वो इंसान के अंदर की सच्चाई को बाहर लाने की ताकत रखती है। एंड वंस यू अंडरस्टैंड हाउ आवर साइकोलॉजी वर्क्स तो आप लोगों से बेहतरीन तरीके से डील कर पाएंगे। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक बटन जरूर प्रेस कीजिएगा। अंटिल नेक्स्ट टाइम, गुड बाय।