अगर आप लीडर बनना चाहते हैं तो रहम करना छोड़ दें अगर आप ताकत हासिल करना चाहते हैं तो सच बोलना छोड़ दें और अगर आप लोगों से काम करवाना चाहते हैं तो उनके दिलों में मोहब्बत की बजाय उनके दिलों में डर पैदा करें दोस्तों यह अल्फाज़ मेरे नहीं बल्कि एक ऐसे फिलॉसफर के हैं जिसे सदियों से सियासी चालाकियों का बाप और मुनाफिकत का मास्टर कहा जाता है शायद आप लोगों ने गेस कर लिया हो मैं बात कर रहा हूं निकोलो मैक्यावेली की दोस्तों तारीख पर नजर दौड़ाएं तो पॉलिटिक्स यानी सियासत को लेकर दो किताबें ऐसी हैं व्हिच स्टैंड अपार्ट इनमें से एक
है प्लेटो का मैग्नामोपस द रिपब्लिक और दूसरी तरफ है निकोलो मैक्यावेली की मशहूर जमाना और बदनाम जमाना किताब द प्रिंस यह एक ऐसी किताब है जिसको पढ़कर या तो आप एक बेहतरीन हुक्मरान बनेंगे या फिर एक खतरनाक इंसान लेकिन व्हाई डू आई से दैट मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं इस किताब में ऐसा क्या है कि आज भी पूरी दुनिया के पॉलिटिशियंस इससे इंस्पिरेशन लेते हैं और ना सिर्फ पॉलिटिशियंस बल्कि इन जनरल लाइफ को लेकर भी इसके अंदर बहुत सारा विज़डम मौजूद है लेकिन इसमें मौजूद जो विज़डम है जो हिकमत है वो जरा हटके है लिहाजा इसको समझना जरूरी है और इसको समझने के लिए मुझे आपको
लेकर जाना पड़ेगा 16वीं सदी के इटली में यह वो दौर था जब मैक्या वैली जिंदा था 16th सेंचुरी के इटली में सिविल वॉर सियासी साजिशें कत्ल और जिला वतनी आम था और इसी दौर में एक सरकारी अफसर पैदा होता है जिसका नाम है मैकेवली यह शख्स 15 साल तक स्टेट ऑफ फ्लोरेंस का पॉलीटिकल एडवाइजर रहा डिप्लोमेसी सीखी हुक्मरानों को करीब से देखा और जब उसे डिसमिस करके कैद में डाला गया तो उसने अपना इंतकाम कलम से लिया दोस्तों यह जो किताब है ना द प्रिंस यह सिर्फ एक आम किताब नहीं है बल्कि यह एक सियासी हथियार है इट वर्क्स लाइक अ पॉलिटिकल वेपन यह इखलाकी नहीं बल्कि हकीकी
है यानी कि इट्स वेरी क्लोज टू रियलिटी यह मिसाली नहीं मक्कार है इट्स कनिंग वेरी सिंपली दोस्तों बॉटम लाइन यह है कि द प्रिंस हमें यह बताती है कि जैसी दुनिया होनी चाहिए उसकी बात ना करो बल्कि जैसी दुनिया है उसकी बात करो मैक्या वैली के मुताबिक यह दुनिया है डिसोनेस्टी की डिसीट की दोहलेपन की झूठ की और फरेब की और यही वो हथियार है जो किसी भी पॉलिटिशियन किसी भी हुक्मरान किसी भी रूलर या किसी भी प्रिंस को इस्तेमाल करने चाहिए अपने स्टेट के इन्फ्लुएंस को बढ़ाने के लिए सो लेट्स कट टू द चेस और डिस्कस करते हैं कि द प्रिंस में मैक्या वैली ने जो मोटी मोटी
बातें लिखी है वो क्या है सबसे पहली और बड़ी बात जो इस किताब में मैक्या वैली लिखता है वो यह कि अगर एक हुक्मरान एक प्रिंस या एक बादशाह के पास ऑप्शन हो ना कि लोग उससे मोहब्बत करें या उससे डरे तो उसे कोशिश ये करनी चाहिए कि लोगों के दिलों में उसका डर हो वो मोहब्बत की नहीं बल्कि खौफ की बुनियाद पर हुकूमत करें क्योंकि उसका मानना था कि जब हुक्मरान का ताल्लुक लोगों से मोहब्बत का होता है ना तो वह रिश्ता बड़ा ही कमजोर होता है और लोग इन जनरल खुद गर्ज होते हैं बेवफा होते हैं मौका परस्त होते हैं और वक्त आने पर सारी मोहब्बतें सारी उल्फतें भूल जाते हैं
जबकि दूसरी तरफ अगर लोगों के दिलों में बादशाह का डर होगा ना तो वो उस खौफ की वजह से हमेशा उसके साथ लॉयल रहेंगे और लोगों के दिलों में बैठा हुआ यही खौफ बादशाह के इन्फ्लुएंस में इजाफे की वजह बनेगा इसकी एक बड़ी ही क्लासिक एग्जांपल है अलताफ हुसैन और एमक्यूएम की 1980 से आज से तकरीबन 5 छ साल पहले तक एमकेएम और अल्ताफ हुसैन की दहशत थी कराची में लोग अल्ताफ हुसैन और एमकएम के नाम से खौफ खाते थे जब तक यह खौफ कायम रहा तब तक एमकेएम कायम रही और जैसे ही यह खौफ खत्म हुआ एमकेएम भी इसी के साथ खत्म हो गई इस बात पर बहुत बहस हो सकती है बहुत डिस्कोर्स हो सकता है लेकिन
जैसा कि मैंने आपको बताया यह जो किताब है ना द प्रिंस इट्स बेस्ड ऑन रियलिटी इसमें अगर आप मोरल्स या मोरालिटी तलाश करने की कोशिश कर रहे हैं ना तो अनफॉर्चूनेटली यू विल बी अनसक्सेसफुल इस किताब की दूसरी बड़ी लर्निंग यह है कि द एंड जस्टिफाई द मीन्स यानी कि अगर तुम्हारा मकसद बड़ा है जैसे कि इ्तेदार को हासिल करना पावर में बने रहना तो उस पावर में रहने के लिए या वहां तक पहुंचने के लिए तुम किसी भी जरिए का इस्तेमाल कर सकते हो तो वो जरिया चाहे झूठ हो लोगों को कत्ल करना हो फरेब देना हो या फिर धोखादेही हो यह जो स्टेटमेंट है
ना दोस्तों द एंड जस्टिफाई द मीन्स इट्स वेरी इंटरेस्टिंग इसका बुनियादी फलसफा यह है कि अगर आपका एंड अच्छा है ना आपको आपकी मंजिल मिल जाती है आपका गोल मिल जाता है तो फिर आपको यह परवाह नहीं करनी चाहिए कि उस मंजिल को हासिल करने के लिए आपने क्या-क्या बुरे काम किए इख्तताम सही तो सब कुछ सही दुनिया भर के सारे पॉलिटिशियंस मैक्या वैली की इसी फिलॉसफी का इस्तेमाल करते हैं तीसरा बड़ा मशवरा जो मैक्या वैली अपने प्रिंस को देता है वो यह कि मजहब को अपनी रियासत में हथियार के तौर पर इस्तेमाल करो वो कहता है कि मजहब को खुद ना मानो मगर आवाम के लिए इसे एक लाजमी चीज
समझो वो कहता है कि मजहब एक हुक्मरान के हाथ में एक बहुत बड़ा हथियार है क्योंकि इसके जरिए वो लोगों के आवाम के जज्बात को कंट्रोल कर सकता है यह बात कितनी दुरुस्त है आज आप देख ले पाकिस्तान जैसे मुल्कों में सबसे बड़ी ड्राइविंग फोर्स मजहब है मजहब के नाम पर आप कुछ भी कर सकते हैं और इसी मजहब के कार्ड को रियासत इस्तेमाल करती है आवाम को काबू करने के लिए मैक्या वैली का चौथा मशवरा इखलाकियात कमजोरी है वो प्रिंस को मशवरा देता है कि जो रहम दिल लोग होते हैं ना वो ज्यादा देर तक हुकूमत नहीं कर पाते जो भी रूलर या बादशाह रहम दिल बनने की कोशिश करता है ना वो खुद को
कातिलों के दरमियान ला खड़ा करता है ही बिकम्स वनरेबल और यही रहम दिली उसके गले पड़ जाती है लिहाजा अगर एक बादशाह को हुकूमत में कायम रहना है ना तो उसे किसी भी किस्म के खलाकियात और मोरालिटी से दूर रहना पड़ेगा उसे हर चीज को अपने नजरिए से ही देखना होगा जो चीज उसके इंटरेस्ट में है वह सही है और जो चीज उसके इंटरेस्ट में नहीं है वो गलत एक और इंटरेस्टिंग बात मैकियावेली अपनी इस किताब में लिखता है कि एक प्रिंस के सामने हमेशा खुशामदी लोग मौजूद होते हैं देयर विल ऑलवेज बी फ्लैटर्स अराउंड हिम ऐसे में खुशामद से उसको डील कैसे करना है वो लिखता है कि
जितना कोई हुक्मरान बड़ा होता है ना उतने ही उसके आसपास खुशामदी लोग बढ़ते चले जाते हैं ऐसे में चांसेस यह है कि वो रियलिटी से दूर हो जाए उसको सिर्फ वही चीज दिखाई जाए जो उसे पसंद हो वह लिखता है कि इसको टैकल करने का एक तरीका यह है कि बादशाह अपने लोगों से कहे कि भाई मुझसे कोई इधर-उधर की बात ना करो मुझसे किसी भी किस्म की खुशामद मेरी कोई तारीफें करने की जरूरत नहीं मेरे साथ सिर्फ सच बोलो लेकिन इसमें एक मसला है अगर हर कोई बादशाह के मुंह पर आकर सच बोलना शुरू कर देगा ना तो बादशाह की इज्जत में कमी हो जाएगी पीपल विल स्टार्ट गेटिंग एक्सेस टू हिम और ऐसा
मैकिया वैली होने नहीं देगा लिहाजा इस बात को काउंटर करने का वो एक बेहतरीन तरीका बताता है वो कहता है कि बादशाह को अपनी रियाया में से अपने वजरा में से दो तीन जो सबसे उसके करीब लोग हैं ना जो उसके कॉन्फिडेंट है उनको सेलेक्ट करना चाहिए सिर्फ उन लोगों को इजाजत है कि वो बादशाह को आईना दिखा सकें उसके सामने सिर्फ और सिर्फ सच बोल सके तभी बादशाह रियलिटी से कनेक्टेड रहेगा और बाकी लोगों के अंदर उसका खौफ भी बना रहेगा एक और अम्यूजिंग बात जो इस किताब द प्रिंस में मैकेवली लिखता है वो यह कि एक बादशाह को अपने सेक्रेटरीज को कैसे सेलेक्ट करना चाहिए
इसकी भी वो एक ट्रिक बताता है वो कहता है कि अगर किसी भी सेक्रेटरी के पर्सनल इंटरेस्ट बादशाह के पर्सनल इंटरेस्ट से ज्यादा है तो वो कभी भी एक अच्छा सेक्रेटरी नहीं बन सकता बादशाह को अपने करीब सिर्फ उन्हीं लोगों को रखना चाहिए जिनके पर्सनल इंटरेस्ट पर्सनल मोटिव पर्सनल गोल्स जीरो हो उनके गोल्स वही हो जो बादशाह के गोल्स हो मैक्या वैली का बादशाह एक ऐसा शख्स है जो एक ही वक्त में शेर की ताकत और लोमड़ी की चालाकी रखता है शेर दुश्मनों को दबाता है और लोमड़ी जाल बिछाती है एक बादशाह को भी ऐसा ही होना चाहिए अगर तुम सिर्फ ताकतवर हो और चालाक
नहीं तो मार दिए जाओगे और अगर तुम जहीन हो और बेरहम नहीं तो रौंद दिए जाओगे दोस्तों यह जो बुक है ना द प्रिंस यह जम्हूरियत यानी डेमोक्रेसी के खिलाफ नहीं बल्कि जमहूर यानी आवाम को इस्तेमाल करने के हक में है यह किताब सच के खिलाफ नहीं बल्कि सच बोलने वालों के लिए नहीं यह किताब हमें सिखाती है कि सियासत में मासूमियत एक बहुत बड़ा जुर्म है जितने आप सीधे होकर चलते हैं ना उतनी ही जल्दी आपका पत्ता काट दिया जाता है सो यू हैव टू बी कनिंग एंड रूथलेस इफ यू वांट टू बी अ पॉलिटिशियन यही वजह है कि इस किताब पर उस जमाने के चर्च ने पाबंदी लगा दी थी और मैक्या वैली को शैतान
का फलसफी करार दिया था लेकिन हर बड़ा सियासतदान चाहे वो नेपोलियन हो हिटलर हो मसलनी हो इन सब ने इस किताब को पढ़ा और इससे कुछ ना कुछ असर जरूर लिया क्या हमारे मुल्क पाकिस्तान के हुक्मरानों ने भी इस किताब को पढ़ा है क्योंकि जो भी कुछ मैकेवली ने लिखा है वादा तोड़ना झूठ बोलना लोगों को धोखा देना मजहब को इस्तेमाल करना लोगों को ड्राइव करने के लिए यह सब तो हमारे मुल्क में होता है लेकिन इससे भी ज्यादा इंपॉर्टेंट बात यह है कि क्या पाकिस्तान की आवाम ने इस किताब को पढ़ा है अगर नहीं तो वो कभी भी समझ नहीं पाएंगे कि उनके साथ क्या गेम हो रहा है आवाम इसी तरह
पूरी उम्र कभी पीपल्स पार्टी कभी पीटीआई कभी पीएमएल एन से उम्मीदें लगाती रहेगी लेकिन याद रखें यह उम्मीदें कभी भी पूरी नहीं होंगी क्योंकि यह सब हुक्मरान मैकिया वैली के वो प्रिंस है जिनका सबसे बड़ा इंटरेस्ट अपना पर्सनल इंटरेस्ट है आवाम तो सारी उम्र इसी तरह रोटी पानी के चक्कर में उलझी रहेगी उन्हें इन्हीं चक्करों में उलझा के रखो ताकि वो कभी भी कुछ बड़ा सोच ना सके इन चीजों के बारे में दोस्तों जरूर सोचिएगा अपने शूर को बढ़ाएं पढ़ना शुरू करें लोगों की साइकोलॉजी को समझना शुरू करें हुक्मरानों और सियासतदानों की बातों में ना आए अपनी जिंदगी का स्टीयरिंग व्हील
अपने हाथ में लें अपने लिए अपनी फैमिली के लिए कुछ बड़ा करें क्योंकि पाकिस्तान जैसे मुल्कों में आप और सिर्फ आप ही अपने आपको बचा सकते हैं डू नॉट डिपेंड ऑन एनी प्रिंस टू कम एंड हेल्प यू मेरी बातों के बारे में जरूर सोचिएगा अंटिल नेक्स्ट टाइम गुड बाय