Best Books on Indian History – Top 10 Recommendations – A Pakistani Perspective

आज की वीडियो में बात करेंगे इंडिया की तारीख पर लिखी जाने वाली 10 बेहतरीन किताबों के बारे में। माय डियर बुक बडी इज इंडिया एक ऐसा मुल्क है जिसकी बहुत ही रिच सिविलाइजेशन बहुत ही रिच हिस्ट्री है। हजारों साल का इतिहास इसकी धरती में छुपा हुआ है। इंडिया की तारीख पर सैकड़ों हजारों किताबें लिखी जा चुकी हैं। लेकिन आज की जो हमारी गुफ्तगू है उसमें मैं आपको अपनी पर्सनल 10 रेकमेंडेशंस बताऊंगा और हमारा आगाज होगा एक ऐसे शख्स की किताब से हु इज वन ऑफ द मोस्ट आर्टिकुलर इन लोक स्पीकर्स इन द वर्ल्ड। मीनवाइल कॉलोनियस लाइक रॉबर्ट क्लाइव। बोट

देयर रटन बर्स इन इंग्लैंड ऑन द प्रोसीड्स ऑफ़ देर लूट इन इंडिया व्हाइल टेकिंग द हिंदी वर्ड लूट इनू देर डिक्शनरी। जब शशि थरूर बात करता है तो दुनिया सुनती है व्हाट अ मैजिकल पर्सनालिटी इज। दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्हें मैं उंगलियों पर गिन सकता हूं कि जिनसे अगर मेरी मुलाकात हो तो मैं उनके साथ सेल्फी जरूर खिंचवाऊंगा। मेरा ताल्लुक क्योंकि पाकिस्तान से है तो पाकिस्तान की ऑडियंस को मैं डिस्क्लेमर देता चलूं कि थरूर की जो भी पॉलिटिकल एफिलिएशंस है, जो भी उनकी बातें हैं, जो भी पॉइंट ऑफ व्यू है, उसको आप अलेधा रखें। इस वक्त मैं शशि थरूर एज अ

पर्सनालिटी एज एन ऑथर की बात कर रहा हूं। एंड नो डाउट आप चाहे पाकिस्तानी हैं, इंडियन है, बांग्लादेशी हैं या अमेरिकन है, यू कैन नॉट हेल्प बट एडमायर द पर्सनालिटी ऑफ़ शशि थरूर। तो उनकी जिस बुक की मैं बात कर रहा हूं, उसका टाइटल है इन ग्लोरियस एंपायर। हमें लगता है कि इंडियन रीजन में जब बर्तानिया के लोग मौजूद थे यानी कि अंग्रेज मौजूद था, तो उसने यहां पर बहुत तरक्की की। लेकिन थरूर का नैरेटिव इस किताब में बिल्कुल मुख्तलिफ है। उनका कहना है कि बर्तनानिया ने हिंदुस्तान पर कब्जा करके यहां की दौलत, सनत और खेती को किस तरह तबाह किया। वो लिखते हैं कि

बर्तानवी रात से पहले हिंदुस्तान एक अमीर मुल्क था। मगर अंग्रेजों के आने के बाद यहां गुरबत और भूख बढ़ गई। हमें लगता है कि गोरों ने यहां पर अदालतों का सिस्टम कायम किया। रेलवे का एक एक्सटेंसिव नेटवर्क बिछाया। तालीम के ऊपर काम किया। लेकिन थरूर का कहना है कि यह सब उनके अपने फायदे के लिए था। थरूर की इस किताब की खास बात यह है कि इसमें रेट्रिक बयानबाजी की बजाय फैक्ट्स एंड फिगर्स और स्टैटिस्टिक्स शामिल है। जिससे उन्होंने साबित करने की कोशिश की है कि बर्तनानिया ने दरअसल हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाया। उनके दौर में बड़े-बड़े कहत आए यानी कि फेमिन,

किसान बर्बाद हुए और जो लोकल इंडस्ट्री है वो बंद कर दी गई। यह किताब बताती है कि अंग्रेजों का दौर तरक्की का नहीं बल्कि लूटमार का था। इस यूनिक बुक को पढ़ने के दौरान आपको इंडिया की हिस्ट्री का पता लगेगा। एंड व्हाट वास द इन्फ्लुएंस ऑफ़ ब्रिटिश ऑन दिस रीजन। सो डू रीड इट आउट। दूसरे नंबर पर जो बुक मैंने सेलेक्ट की है, उसका टाइटल है अ कंसाइज हिस्ट्री ऑफ़ मॉडर्न इंडिया। और इसे लिखा है बाबरा और थॉमस मटकाफ ने। ये बुक हिंदुस्तान की पिछली 200 साल की तारीख का खुलासा है। इसमें ऑथर्स ने बताया कि बर्तनानिया ने यहां कैसे हुकूमत की? 1857 की जो बगावत

थी, जो रिवोल्ट था वो कैसे हुआ? आजादी की तहरीक कैसे चली और फिर तकसीम हिंद कैसे हुआ? यह भी बड़ी जबरदस्त और कॉम्प्रिहेंसिव किताब है। एंड इट हैज़ अचीव्ड द स्टेटस ऑफ़ अ कल्ट क्लासिक। इस बुक के बारे में एक चीज जो मुझे बहुत अच्छी लगी वो यह कि यह ना सिर्फ इंडिया के सोशियोइकोनॉमिक और हिस्ट्री के बारे में बताती है बल्कि इट इलेबोरेट्स अबाउट द रेगुलर लाइफ ऑफ नॉर्मल इंडियंस इन दोज़ टाइम्स। मुगल से लेकर अंग्रेजों ने किस तरह यहां पर हुकूमत की। इंडिया के इंस्टीटशंस कैसे बनाए। कॉलोनियल रूल में इंडिया के क्या डायनामिक्स थे? यहां के

कल्चरल, इकोनॉमिक और पॉलिटिकल हालात क्या थे? और किस तरह इंडिया पिछले 200 सालों में डेवलप हुआ है। यह सब आप इस किताब से सीख सकते हैं। इंडिया में जो लोग आईएएस की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए दिस इज अ मस्ट रीड। तीसरे नंबर पर वो किताब व्हिच इज वन ऑफ़ माय ऑल टाइम फेवरेट्स। इस बुक को मैं बचपन से पढ़ता हुआ आ रहा हूं। इट इज नॉट ओनली इंपॉर्टेंट फॉर इंडियन पीपल बट फॉर पाकिस्तानीज एज वेल। और इस जबरदस्त किताब का नाम है फ्रीडम एट मिडनाइट। इसे लिखा था लेरी कॉलिंस और डोमेनिक क्लिपेयर ने। मैंने जब पाकिस्तान की हिस्ट्री बुक्स रेकमेंड की थी तो उसमें भी मैंने फ्रीडम

एट मिडनाइट का जिक्र किया था। यहां भी इंडियन ऑडियंस के लिए इस किताब को पढ़ना बहुतेंट है। उसकी वजह यह है कि एक तो ये बुक मेरे लिहाज से बहुत अनबायस्ड है। दूसरा ये कि अनलाइक टिपिकल हिस्ट्री बुक्स दिस फ्लॉस लाइक अ ब्यूटीफुल इंग्लिश नवेल। एक जबरदस्त कहानी की तरह इसकी कहानी आगे बढ़ती है। ऑथर्स ने प्री इंडिपेंडेंस एरा को क्या कमाल से कवर किया है। कांग्रेस की स्ट्रगल क्या थी? ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने किस तरह से मुसलमानों का केस लड़ा? नेहरू का क्या रोल था? वल्लभ भाई पटेल, गांधी इन लोगों ने किस तरह से फ्रीडम स्ट्रगल को आगे बढ़ाया? मोहम्मद अली

जिन्ना को वो क्या बीमारी थी जिसके बारे में अगर अंग्रेज को पता लग जाता तो शायद आज पाकिस्तान कायम ना होता। ये सब इस किताब में मौजूद है। मेरी ये स्पेशल रेकमेंडेशन है उन लोगों के लिए जिन्होंने कभी कोई हिस्ट्री की बुक नहीं पढ़ी या उनका तारीख में इंटरेस्ट नहीं है। लेकिन अगर आप वाकई इंडियन हिस्ट्री या इंडियन इंडिपेंडेंस मूवमेंट के बारे में जानना चाहते हैं कि इंडिया किस तरह से इंडिपेंडेंट हुआ तो दिस बुक इज अ मस्ट रीड। चौथे नंबर पर जो बुक है उसका नाम है इंडिया स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेंस। इसे लिखा है बिपिन चंद्रा, मृदुला, मुखर्जी, आदित्य

मुखर्जी, सुचेता महाजन और के एन पनकर ने। यह बुक 1857 से 1947 तक आजादी की जो स्ट्रगल थी, जो जद्दोजहद थी उसकी मुकम्मल कहानी सुनाती है। इसमें गांधी, नेहरू, भगत सिंह और दूसरे लीडरों के साथ-साथ आम किसानों और मजदूरों की कुर्बानियों का जिक्र है। यूजुअली जब हिस्टोरियंस किताब लिखते हैं तो दे टेंड टू फोकस ओनली ऑन द लीडर्स। उनका ज्यादा फोकस उन कल्ट पर्सनालिटीज पर होता है जिनका इंपैक्ट सबसे ज्यादा होता है। लेकिन बिपिन चंद्रा ने इस किताब में आजादी की तहरीक के सिर्फ चंद रहनुमाओं की नहीं बल्कि पूरी आवाम की मेहनत का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है

कि ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि कम्युनिस्ट और बाकी जो रेवोल्यूशनरी पार्टीज थी उन्होंने भी बर्तानवी राज को खत्म करने में बहुत अहम किरदार अदा किया। इस किताब में भगत सिंह, सूर सेन और चंद्रशेखर आजाद को रेवोल्यूशनरी टेररिस्ट कहा गया है। जिसकी वजह से इंडिया में इस किताब को लेकर काफी कंट्रोवर्सी भी हो गई थी। बट ऑल इन ऑल दिस बुक इज अ ग्रेट रिसोर्स टू लर्न अबाउट द स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेंस। पांचवें नंबर पर जो किताब है वह क्या ही किताब है। मैंने आपको बताया ना कि इंडिया की हिस्ट्री बहुत ही रिच है जो हजारों सालों पर मोहित है।

और अगर कोई एक किताब जो इस पूरी हिस्ट्री को कवर करती है उसका टाइटल है इंडिया अ हिस्ट्री। और इसे लिखा था जॉन की ने। यह बुक एक एक्सटेंसिव और कॉम्प्रिहेंसिव रिसर्च है इंडिया की हजारों साला तारीख पर। दिस बुक इज सच अ फैसनेटिंग रीड कि जब मैं इसको पढ़ रहा था, आई वास आल्सो ट्रांसपोर्टेड बैक इन टाइम। मुझे लग रहा था मैं वही पुरानी इंडस रिवर सिविलाइजेशन, हड़प्पा सेटलमेंट्स और इंडिया की डवर्स कल्चरल हिस्ट्री का हिस्सा बन चुका हूं। दोस्तों, ऐसी जो किताबें होती है ना, वो आपने अपनी लाइब्रेरी में, अपनी स्टडी में, अपनी कलेक्शन में लाजमी रखनी होती है।

इट्स फॉर पोस्टेरिटी। ना सिर्फ आप पढ़ेंगे बल्कि आपके बच्चे और आपकी आने वाली नस्लें भी इन किताबों से फायदा उठा सकती हैं। छठे नंबर पर जो किताब है इट इज वन ऑफ द मोस्ट फेमस बुक्स रिटेन अबाउट रीसेंट इंडियन हिस्ट्री। बुक का टाइटल है इंडिया आफ्टर गांधी द हिस्ट्री ऑफ द वर्ल्ड्स लार्जेस्ट डेमोक्रेसी और इसे लिखा है रामाचंद्र गुहा ने। ये भी एक जबरदस्त किताब है जो यह बताती है कि इंडिया में पार्टीशन के बाद इंडिपेंडेंस के बाद क्या हुआ। वो इस बुक में लिखते हैं कि भारत को किस तरह इंडिपेंडेंस के बाद बहुत बड़े-बड़े मसाइल का सामना था। करोड़ों लोगों को आबाद करना

था। मजहबी फसादात थे और एक नए कॉन्स्टिट्यूशन की तैयारी थी। इसी के साथ-साथ नई रियासतें, नए प्रोवसेस बनाने थे और करोड़ों लोगों की इस जम्हूरत इस डेमोक्रेसी को संभालना था। इस बुक में नेहरू का दौर, इंदिरा गांधी की इमरजेंसी, 1991 के मुआशी इस्लाहात और जातपात और मजहबी सियासत के असरात जैसे मौजूआत को तफसील में बयान किया गया है। यह सिर्फ सियासत की कहानी नहीं बल्कि इसमें आम लोगों की जिंदगी, सकाफती, तब्दीलियां और भारत की दुनिया में किरदार का भी जिक्र है। इंडिया की हिस्ट्री की बात हो और स्कॉटिश हिस्टोरियन विलियम डालबल का जिक्र

ना हो यह कैसे हो सकता है। सातवें नंबर पर जो किताब है वो इसी कमाल के ऑथर की है और इसका टाइटल है द लास्ट मुगल। देखिए दोस्तों, इंडिया की तारीख के बारे में आप जान ही नहीं सकते। इनफैक्ट इसकी तारीख कंप्लीट हो ही नहीं सकती जब तक आप मुगलों का जिक्र ना करें। यह जो बुक है ना, यह जो मुगल दौर की ट्वाईलाइट थी, जो आखिरी दौर था जिसमें मुगल एंपायर कोलैप्स कर रही थी, उसके बारे में बताती है। विलियम डेल रिंपल इस बुक में बताते हैं कि किस तरह दिल्ली उस वक्त एक बड़े तहजीबी, अदबी और मजहबी मरकज के तौर पर कायम था। लेकिन जैसे ही ब्रिटिश यहां पर आए तो यह शहर बर्बाद हो

गया। इस बुक की जबरदस्त बात यह है कि इसमें दिल्ली की रोजमर्रा जिंदगी, वहां के बाजार, शायरी और लोगों की जिंदगी के हालात का जिक्र है। विलियम डेल रिंपल ने यह बात साबित करने की कोशिश की है कि 1857 की जो बगावत थी ना वो सिर्फ फौजी कारवाई नहीं थी बल्कि यह एक समाजी और तहजीबी सानिया था। बहादुर शाह जफर जो आखिरी मुगल किंग थे उनको बर्तानवी फौज ने गिरफ्तार किया और मुल्क बदर कर दिया। और इसके साथ ही दिल्ली की सदियों पुरानी तहजीब का भी इख्तताम हुआ। 1857 की बगावत के बारे में अगर आप सही मानों में जानना चाहते हैं तो आपने द लास्ट मुगल लाजमी पढ़नी है। आठवें नंबर पर

एक ऐसी जबरदस्त और रिवोल्यूशनरी किताब है व्हिच कम्स फ्रॉम द हार्ट ऑफ द ऑथर और यह लिखी थी द लेजेंड्री बी आर अंबेडकर ने। इस बुक का नाम है एनीहिलेशन ऑफ कास्ट। याद रखें दोस्तों बी आर अंबेडकर वो शख्स हैं जिन्होंने इंडिया का कॉन्स्टिट्यूशन लिखा था। ही इज अ सिंबल ऑफ इक्वलिटी। उनका ताल्लुक दलित कम्युनिटी से था। यह किताब उन्होंने हिंदू जातपात के निजाम के खिलाफ लिखी है। उनका बेसिक प्रेमिस यह है कि जातपात की बेसिस पर डिस्क्रिमिनेशन, जुल्म और नाइंसाफी है और इसको खत्म किए बगैर समाजी बराबरी मुमकिन नहीं। इस बुक की खास बात मैं आपको बताऊं कि यह बुक दरअसल एक

अनडिवर्ड स्पीच है जो बी आर अंबेडकर को देनी थी इन द ईयर 1936। इस स्पीच का वेन्यू था लाहौर और इस इवेंट को ऑर्गेनाइज किया था हिंदू रिफॉर्मर्स ने इन एंटी कास्ट कन्वेंशन। लेकिन जब कॉन्फ्रेंस के ऑर्गेनाइजर्स ने अंबेडकर साहब की स्पीच को पढ़ा तो उन्होंने इसको डिलीवर करने से मना कर दिया। इस बुक को जब आप पढ़ेंगे ना तो आपको बी आर अंबेडकर के ट्रू इमोशंस के बारे में पता लगेगा। दोस्तों एनीलेशन ऑफ कास्ट कोई आम किताब नहीं है। इट इज एक्चुअली रेवोल्यूशनरी। इसको जब आप पढ़ेंगे तो आपको अंदाजा होगा कि यह कितनी इंपैक्टफुल और प्रोफाउंड है। द इफेक्ट ऑफ़

कास्ट ऑन द एथिक्स ऑफ़ द हिंदूस इज़ सिंपली डिप्लोरेबल। कास्ट हैज़ किल्ड पब्लिक स्पिरिट। कास्ट हैज़ डिस्ट्रॉयड द सेंस ऑफ़ पब्लिक चैरिटी। कास्ट हैज़ मेड पब्लिक ओपिनियन इंपॉसिबल। दिस बुक अगेन इज अ ग्रेट ट्रीट टू अंडरस्टैंड द इंपैक्ट दैट द कास्ट सिस्टम हैज़ हैड ऑन द सिस्टम ऑफ इंडिया। नौवें नंबर पर जो बुक है उसका टाइटल है फ्रॉम प्लासी टू पार्टीशन और इसे लिखा है शेखर बंदोपाध्याय ने। यह बुक बेसिकली बैटल ऑफ प्लासी से लेकर 1947 की आजादी तक की तारीख के बारे में बताती है। यह बेसिकली इस पूरे टाइम फ्रेम को कवर करती है फ्रॉम द बैटल ऑफ़ प्लासी टिल द

टाइम द पार्टीशन हैपेंड। जो आखिरी किताब मैंने सेलेक्ट की है वह थोड़ी हटके है थोड़ा अलग है क्योंकि इट टॉक्स अबाउट द इंडियास ज्योग्राफी। इस बुक का टाइटल है द इंक्रेडिबल हिस्ट्री ऑफ़ इंडियास ज्योग्राफी और इसे लिखा है संजीव सयाल ने। यह बुक ना हिंदुस्तान की ज्योग्राफिकल हिस्ट्री के बारे में है। इसमें प्राइमरली बताया गया है कि किस तरह से नेचर ने कॉन्टिनेंटल ड्रिफ्ट के जरिए, समंदरों की सतहों के जरिए भारत का नक्शा बनाया है। यूजुअली हिस्ट्री की बुक्स में रूलर्स की बात होती है, लीडर्स की बात होती है, बैटल्स और वॉर्स की बात होती है। बट दिस

बुक इज डिफरेंट सिंस इट टॉक्स अबाउट द ज्योग्राफी। जो लोग मेरे रेगुलर फॉलोअर्स हैं वो जानते हैं कि मैं उन्हें हमेशा बताता हूं कि दो सब्जेक्ट्स आपने लाजमी पढ़ने हैं। एक है ज्योग्राफी और दूसरी हिस्ट्री। बिकॉज़ दिस इज़ रिलेटेड टू योर एक्सिस्टेंस। सो इफ यू वांट टू नो अबाउट हाउ नेचर क्रिएटेड इंडिया देन दिस बुक इज अ मस्ट रीड। सो दोस्तों, यह थी मेरी टॉप 10 रेकमेंडेशंस अबाउट द हिस्ट्री बुक्स ऑन इंडिया। एज अ पाकिस्तानी माय बेस्ट विशेस आर विद इंडिया। क्योंकि मैं जानता हूं कि हम लोग अपने नेबर्स को नहीं बदल सकते। एंड द वन एंड ओनली वे थ्रू व्हिच इंडिया एंड

पाकिस्तान कैन ग्रो टुगेदर इज टू को एक्जिस्ट पीसफुली। नो वॉर कैन हेल्प बोथ द कंट्रीज। जितनी जल्दी यह बात हमारे हुक्मरानों को समझ आ जाए, उतना ही दोनों मुल्कों की करोड़ों आवाम के लिए बेहतर होगा। वीडियो पसंद आई हो तो लाइक बटन जरूर प्रेस कीजियेगा। अंटिल नेक्स्ट टाइम, गुड बाय।