How To Get Rich – Rich Dad Poor Dad Summary Robert Kiyosaki & Book Buddy

[संगीत] दोस्तों अगर आपकी सारी जिंदगी खर्चे मैनेज करने में गुजर रही है तो आज की वीडियो आपके लिए अगर आप यह जानना चाहते हैं कि पैसे से पैसा कैसे बनता है तो आज की वीडियो आप स्किप नहीं कर सकते अगर आप ये जानना चाहते हैं कि मिडिल क्लास माइंडसेट क्या होता है तो आज की वीडियो आपके लिए और अगर आप यह जानना चाहते हैं कि दुनिया में कुछ ही लोग क्यों अमीर होते हैं और ज्यादातर सारी उम्र पैसे को लेकर तंगी का शिकार रहते हैं तो आज की वीडियो आप मिस नहीं कर सकते आज आज की वीडियो में बात होगी रॉबर्ट कियो साकी की इंटरनेशनल बेस्ट सेलिंग किताब रिच डैड पुर डैड की सो लेट्स

गेट स्टार्टेड एंड यू नेवर नो कि शायद आज की वीडियो देखने के बाद पैसे को लेकर आपके प्रॉब्लम्स सॉल्व हो जाएं देखिए दोस्तों पैसा कमाने के लिए किसी ना किसी लेवल पर फाइनेंशियल इंटेलिजेंस फाइनेंशियल मैनेजमेंट चाहिए होती है अनफॉर्चूनेटली हमारा जो एजुकेशन सिस्टम है उसमें पर्सनल फाइनेंस इवन पैसे को लेकर कुछ पढ़ाया और समझाया ही नहीं जाता क्योंकि हमारे जैसे मुशरफ चीज कंसीडर किया जाता है जो अमीर हो जाता है उसे करप्ट दो नंबर स्मगलर कहा जाता है देखिए बुग बटीज ये गलत और नेगेटिव एटीट्यूड है अमीर होना कोई बुरी बात नहीं प्रोवाइडेड यू डू इट थ्रू लीगल मींस कमिंग

बैक टू द बुक रॉबर्ट कियो साकी ने अपनी इस किताब रिच डैड पुअर डैड में सबसे ज्यादा फोकस किया है माइंडसेट के ऊपर वो कहते हैं कि यह माइंडसेट ही है जो किसी शख्स को अमीर बनाता है और दूसरे को गरीब कहानी इस किताब की यह है कि एक लड़का है उसके दो बाप हैं एक है रिच और दूसरा है पुअर एक्चुअली रियलिटी में तो उसका एक ही बाप है जो दूसरा बाप है वो दरअसल उसके फ्रेंड का फादर है जो उसका अपना बाप है उसके पास बेतहाशा डिग्रीज हैं डिप्लोमास है बेहतरीन एजुकेशन है लेकिन उसके बावजूद सारी उम्र वो पैसे को लेकर तंग रहा जबकि दूसरी तरफ जो उसके दोस्त का बाप है वो एक स्कूल

ड्रॉप आउट है उसकी तो एजुकेशन ही नहीं है लेकिन उसके बावजूद वह एक अमीर शख्स है इनमें से उस बच्चे का अपना बाप उसके लिए सिर्फ कर्ज छोड़ के जाएगा और जो दूसरा बाप है वह अपने बच्चे के लिए बेतहाशा पैसा आखिरकार इन दोनों की दौलत में इतना फर्क क्यों कि यो साकी के मुताबिक इनकी वेल्थ के स्टेटस में सबसे बड़ा डिफरेंस है इनकी सोच का जो पुअर डैड है उसका पैसे को लेकर हमेशा नेगेटिव सेंटीमेंट होता है वह पैसे से नफरत करता है और हमेशा सोचता भी यही है कि वह कभी अमीर नहीं हो सकेगा य यही माइंडसेट उसके रोजमर्रा की कम्युनिकेशन में भी नजर आता

है जब भी वह कोई महंगी चीज देखता है तो हमेशा यह कहता है कि आई कैन नॉट अफोर्ड इट यह तो मेरी पहुं से ही बाहर है जबकि दूसरी तरफ वो शख्स जो अमीर है उसके सामने जब कोई महंगी चीज आती है तो वो यह कहने की बजाय कि आई कैन नॉट अफोर्ड इट उसने हमेशा ये सवाल पूछा दैट हाउ कैन आई अफोर्ड इट दोस्तों इन दोनों माइंडसेट्स में जमीन और आसमान का फर्क है सो बुक बडी सबसे पहली सीख आप लोगों की के लिए यह है कि जिंदगी में जब भी आपके सामने कोई ऐसी चीज आए जो बहुत महंगी हो बहुत एक्सपेंसिव हो जिसको आप अफोर्ड ना कर सकते हो तब आपने यह नहीं कहना कि यार यह तो मेरी पहुंच से ही बाहर

है मैं तो यह कभी अफोर्ड ही नहीं कर पाऊंगा हमेशा आपने अपने आप से सवाल यह करना है कि मैं ऐसा क्या करूं कि फ्यूचर में मैं इस चीज को अफोर्ड कर सकूं ऐसी पॉजिटिव और ग्रोथ ओरिएंटेड सोच ही आपको पैसे के करीब ले जाएगी दूसरी इंपॉर्टेंट बात जो आपने इस किताब रिच डैड पुअर डैड से सीखनी है वो यह कि जो गरीब लोग हैं ना दे ऑलवेज वर्क फॉर मनी जबकि दूसरी तरफ जो अमीर माइंडसेट के लोग होते हैं दे मेक द मनी वर्क फॉर देम लेकिन आखिर इस बात का मतलब क्या है देखें जो पुअर माइंडसेट होता है ना वो दो इमोशन से ड्राइव होता है जिसमें से एक है फियर और दूसरा है ग्रीड

देखें जो पुअर माइंडसेट के लोग होते हैं ना उनकी सबसे बड़ी ड्राइविंग फोर्स ग्रोथ नहीं बल्कि डर यानी कि फियर होता है उन्हें हर वक्त इनसिक्योरिटी रहती है कि कहीं उनकी नौकरी उनसे छूट ना जाए क्योंकि वो नौकरी ही उनके सर्वाइवल की उनके पैसों की सबसे बड़ी सोर्स है यह डर इन लोगों से मजीद काम करवाता है जब काम होता है तो पैसे आते हैं जब पैसे आते हैं तो खर्चा बढ़ता है और जब खर्चा बढ़ता है तो इंसान मजीद मेहनत करना चाहता है ताकि उसे मजीद पैसे मिले और इस मंथली पे चेक को लेकर इंसान एक ग्रीड यानी लालच का शिकार हो जाता है उसे नई गाड़ी चाहिए नई घड़ी चाहिए

नए कपड़े चाहिए और इस ग्रीड और अपनी लायबिलिटीज लोंस को पूरा करने के चक्कर में वह सारी उम्र इसी नौकरी के विशय साइकिल में घूमता रहता है जबकि दूसरी तरफ जो रिच माइंडसेट के लोग होते हैं वह अपने टाइम को कभी भी पैसों के बदले ट्रेड इन नहीं करते वो अपने वक्त का इस्तेमाल करते हैं अपनी चीज क्रिएट करने में अपनी वेल्थ क्रिएट करने में अपनी प्रोडक्ट क्रिएट करने में अपना बिजनेस क्रिएट करने में गरीब आदमी ना कंजमपट्टी जाएंगी और व आहिस्ता आहिस्ता अमीर होता जाएगा लेकिन याद रखें दोस्तों इकोनॉमिक्स का यह रूल है कि कंजंक्शन ऑफ योर इनकम जितनी हमारी इनकम

बढ़ती है ना उसी हिसाब से हमारे खर्चे भी बढ़ते चले जाते हैं और पुअर माइंडसेट के लोग इसी खर्चे को कंट्रोल नहीं कर पाते इसी पॉइंट से चलते हैं हम इस किताब के सबसे इंपॉर्टेंट टेक अवे से जो कि है फाइव पॉइंट रूल ऑफ फाइनेंशियल लिटरेसी इसमें फाइव पॉइंट्स है इनकम एक्सपेंस एसेट्स लायबिलिटीज और कैश फ्लो दोस्तों अगर आप यह कांसेप्ट समझ गए ना तो आज के दिन की ये आपकी सबसे बड़ी लर्निंग होगी और शायद जिंदगी में आपको यह लर्निंग बहुत काम आए फाइनेंशियल मैनेजमेंट में देखिए इनकम और एक्सपेंस तो बहुत ही आसान है वो चीज जो आपकी जेब में पैसे डाले वो इनकम होती है

और वो चीज जो आपकी जेब से पैसे निकाले वो एक्सपेंस इस फाइव पॉइंट रूल में ना दो बड़ी ट्रिकी टर्म्स हैं जो दिखने में तो बहुत आसान लगती हैं बट दे आर ट्विस्टेड जिसमें से पहली है एसेट्स और दूसरी है लायबिलिटीज हम लोग यूजुअली यह गुमान करते हैं कि हमारा घर हमारी गाड़ी हमारा एसेट है लेकिन केयो साकी के मुताबिक एसेट सिर्फ वो चीज है जो आपकी जेब में पैसे डाले जबकि दूसरी तरफ लायबिलिटीज वो चीज हैं जो एक्सपेंडिचर को जनरेट करती है इस कांसेप्ट को समझने के लिए मैं आपको एक कैश फ्लो की डायग्राम सिखाता हूं एसेट याद रखें सिर्फ वो चीज है जो आपको इनकम जनरेट करके दे अगर

आपने एक 45 करोड़ का 10 करोड़ का घर ले लिया और आप उसमें खुद रहने लग गए तो याद रखें ये आपका एसेट नहीं है ये एसेट सिर्फ तब होगा जब आप इससे रेंटल इनकम कमाएंगे सो एसेट हर वो चीज है जो आपको इनकम कमा के दे जबकि लायबिलिटी आपके लिए एक्सपेंस क्रिएट करती है अब दोस्तों आपने एसेट्स और लायबिलिटीज का कांसेप्ट तो समझ लिया यहीं से तो गेम का स्टार्ट होता है अब अगर आप कैश फ्लो स्टेटमेंट देखें ना पुअर और रिच लोगों की तो उसी के अंदर सारी गेम छुपी हुई है एक मिडिल क्लास शख्स सारी उम्र अपने लिए लायबिलिटीज बिल्ड करता रहता है लेकिन सोचता यह है कि वो एसेट बना रहा है

फॉर एग्जांपल उसने गाड़ी खरीदी और वो समझता है कि यार ये तो उसका एसेट है जबकि दर असल वो गाड़ी उसके जेब से पैसे निकाल रही है लिहाजा यह उसके लिए एक लायबिलिटी हुई जबकि जो रिच लोग होते हैं व हमेशा एसेट्स बनाते हैं और उन एसेट्स से जो इनकम जनरेट होती है उसी से एक्सपेंस करते हैं ये एक बहुत बड़ा माइंडसेट का फर्क है इसको अगेन डिटेल में और क्लेरिटी से समझने के लिए मैं आपको पुअर मिडिल क्लास और रिच लोगों की कैश फ्लो स्टेटमेंट दिखाता हूं कैश फ्लो दोस्तों यह दिखाता है कि कोई भी शख्स अपने पैसे को कैसे मूव करता है या कंट्रोल करता है या वेरी सिंपली कैसे खर्च

करता है सो सबसे पहले देख लेते हैं पूर लोगों की कैश फ्लो जैसे ही इनकम आई जो कुछ भी कमाया वो सारा चला जाता है एक्सपेंसेस के अंदर उसमें फूड आ जाएगा रेंट आ जाएगा बच्चों के स्कूल की फीस आ जाएगी ट्रांसपोर्टेशन का खर्च आ जाएगा ऐसे लोग पे चेक टू पे चेक जीते हैं लिहाजा एसेट्स और लायबिलिटीज का तो सवाल ही पैदा नहीं होता ये है मिडिल क्लास लोगों का कैश फलो ये लोग जो भी कमाते हैं उससे सबसे पहले बेयर करते हैं अपनी लायबिलिटीज गाड़ी लोन पे है घर लोन पे है ग्रोसरी क्रेडिट कार्ड पे है सारी जिंदगी दरअसल क्रेडिट पर ही चल रही होती है और जैसे ही महीने का आगाज

होता है इनकम आती है तो सबसे पहले वह पैसे इन लायबिलिटीज को पे ऑफ करने में चले जाते हैं इन लायबिलिटीज को पे ऑफ करके जो पैसे बचते हैं उनसे बाकी के घर के एक्सपेंसेस होते हैं लिहाजा मिडिल क्लास लोगों में भी एसेट का कोई तसव्वुर नहीं होता और जैसा कि मैंने आपको बताया कि वह अपने घर और गाड़ी को एसेट तो समझ रहे होते हैं लेकिन कियोसकी की डेफिनेशन के मुताबिक यह उनके एसेट नहीं है अच्छा अब अगर आप रिच लोगों की कैश फ्लो स्टेटमेंट देखेंगे तो वह बिल्कुल उलट चल रही है उनकी इनकम दरअसल जनरेट हो रही है उनके एसेट से इन एसेट्स में शामिल हैं रियल एस्टेट स्टॉक्स बंड्स

हाउस या फिर बिजनेस एक अमीर आदमी इनकम जनरेट अपने एसेट से करता है और जो इनकम आती है उनसे मजीद एसेट्स बनाता है और एसेट बनाने के बाद जो रकम बच जाती है उनसे एक्सपेंसेस करता है सो जो पुअर डैड है ना उसके लिए उसका घर उसका एसेट है जबकि जो रिच डैड है उसके लिए उसका घर लायबिलिटी है क्योंकि जब तक वो अपने घर से रेंटल इनकम जनरेट नहीं करेगा वह कभी भी उसे अपना एसेट नहीं कहेगा यही वजह है कि मिडिल क्लास लोग सारी उम्र पैसा जमा करते हैं सिर्फ एक घर के लिए घर तो वह शायद बना लेते हैं लेकिन इस घर बनाने के चक्कर में वह अपनी जिंदगी के प्राइम तरीन साल उस घर के पीछे भागने

के चक्कर में जाया कर देते हैं लिहाजा दोस्तों इसमें आप लोगों के लिए सीखने की चीज यह है कि जिंदगी में अपने एक्सपेंसेस को लायबिलिटीज को जितना कम कर सकते हैं करें और इन्वेस्ट एसेट्स के ऊपर करें और एसेट जैसे कि मैंने आपको बताया सिर्फ वही चीज है जो आपको पैसे कमा के दे लाइफ में जैसे आप एसेट्स बनाते चले जाएंगे उसी तरह से आप फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस हासिल करते चले जाएंगे और फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस क्या है कि आप सो भी रहे हैं तब भी आप पैसे कमा रहे हैं आपको पैसा कमाने के लिए मेहनत और अपना वक्त देने की जरूरत नहीं पड़ रही जो भी आपकी इनकम है उसमें सबसे

पहले आप सेविंग्स करें और उन सेविंग्स को बैंक में ना रखें उन्हें इन्वेस्ट करें उस इन्वेस्टमेंट के बाद जो आप आपके पास पैसे बचते हैं उसी के ऊपर अपने मंथली एक्सपेंसेस को प्लान आउट करें जब तक आप जो कमाते जा रहे हैं उसको खर्च करते चले जा रहे हैं तो फिर आप यह भूल जाएं कि आप कभी भी अमीर हो पाएंगे इस किताब से एक और बड़ी लर्निंग ये है कि अपनी पैसिव इनकम जरूर बनाएं और आजकल के जमाने में हर किसी के ऊपर लाजिम है कि उसके पास दो से तीन अल्टरनेट सोर्सेस ऑफ इनकम हो अब ये पैसिव या अल्टरनेट सोर्स ऑफ इनकम क्या है मसलन आप 9 टू 5 जॉब करते हैं अब ये आठ से 9

घंटे आपके खरीद लिए गए हैं आप ऑफिस में मौजूद हैं आप ऑफिस के काम के अलावा कुछ और नहीं कर सकते पैसिव इनकम वो है जो जब आप ऑफिस में भी हो तब भी वह आपको कमा के देती रहे मसलन आपका देखिए ये बात ना मैं आपको एग्जांपल से समझाता हूं देखिए जो रिच माइंडसेट के लोग होते हैं ना वो एक नॉर्मल चीज के ऊपर वैल्यू एडिशन करना जानते हैं और ये वैल्यू एडिशन ही मनी क्रिएशन में मदद करती है एक नॉर्मल सा शूज है आपने उसको माइकल जॉर्डन की स्टोरी से जोड़ दिया वो 50 का शूज हो गया $500 का शूज वही है लेकिन पीछे कहानी जोड़ दी जॉर्डन की और कहां उसकी प्राइस 10

गुना हो गई $50 से $500 इसी को कहते हैं द आर्ट ऑफ मनी क्रिएशन है वही नॉर्मल आइसक्रीम लेकिन आपने अच्छा सा आइसक्रीम पार्लर बना दिया लाइट्स लगा दी और ब्रांडिंग कर दी और अब बन गई ये महंगी तरीन बास्किन रॉबिंस है वही बन कबाब लेकिन आपने बेहतरीन ब्रांडिंग कर दी और अब वो बन गया mcdonald’s है वही कराची का पुराना ब्रोस्ट लेकिन आपने जबरदस्त ब्रांडिंग कर दी और अब यह बन गया वर्ल्ड रिनाउंड केएफसी सो व्हाट मेक्स रिच पीपल रिच इज दे नो द आर्ट ऑफ वैल्यू क्रिएशन जो पुअर माइंडसेट के लोगों को बिल्कुल नहीं आता यही सब बातें किकी ने ने इस किताब में समझाने की

कोशिश की है देखिए दोस्तों अब मैं ना आपको अपना पर्सपेक्टिव बताता हूं ये रिच डैड पुअर डैड या जो सेल्फ हेल्प किताबें हैं ना ये अच्छी बुक्स होती हैं इनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं लेकिन मेरा पॉइंट ऑफ व्यू यह है कि ये जो क्विक रिच स्कीम्स होती है ना और ये जो किताबें आती हैं कि आप पढ़ ले एंड बिकम अ मिलियनेयर ऑल ऑफ दिस इज बुलशिट ये जो माइंडसेट वाली बात है ना ये दुरुस्त है इंसान ने अगर अमीर होना है ना तो किसी भी चीज को अगर वो एक्सीलेंस लेवल पे करेगा तो वो यकीनन अमीर हो जाएगा आप किसी भी चीज की बसेस पाले मैडस पालें उसको एक्सट्रीम एक्सीलेंस लेवल तक ले जाएं

यह पॉसिबल ही नहीं है कि इस दुनिया में आप अमीर ना हो सके अगर आप बाल काटने वाले नहीं है तो आप बाल ऐसे काटे कि दुनिया में ऐसे कोई ना काट पाए आप अमीर हो जाएंगे अगर आप कंटेंट राइटर हैं तो ऐसी कंटेंट राइटिंग करें कि पूरी दुनिया में कोई ऐसा कंटेंट ना लिख सके आप अमीर हो जाएंगे अगर आप एक जिम ट्रेनर है तो ऐसे लोगों की ट्रेनिंग करें कि पूरी दुनिया में कोई ऐसे ट्रेन ना करता हो तो आप अमीर हो जाएंगे अगर आप एक टीचर हैं तो अपने सब्जेक्ट को इस एक्सीलेंस लेवल पर पढ़ाएं कि दुनिया में ऐसे कोई पढ़ा ना सके आप अमीर हो जाएंगे ये फाइनेंशियल मैनेजमेंट मनी

मैनेजमेंट फाइनेंशियल लिटरेसी की बातें बिल्कुल ठीक हैं ये कहीं ना कहीं आपको हेल्प करती हैं आपकी सोच में आपके मनी में इंक्रीमेंटल ग्रोथ लेकर आती है लेकिन असल में अगर आपने जिंदगी में ग्रोथ को एंजॉय करना है ना तो वो तभी होगा जब आप अपने प्रोफेशन को एक्सीलेंस के लेवल पर ले जाएंगे मेरा तो जिंदगी में सक्सेस कार रिचस का पैसों का फॉर्च्यून का वेल्थ का फार्मूला इज डायरेक्टली डफ टेल्ड टू एक्सीलेंस यह किताबें जरूर पढ़ा करें इनसे सीखा भी करें लेकिन याद रखें लाइफ में सबसे ज्यादा कोई चीज आपको हेल्प करेगी ना दैट विल बी योर सेल्फ और इस सेल्फ को

ओवरकम करके ही आप एक प्रॉस्परस वेल्थी और एक र मेंच वाली जिंदगी गुजार सकेंगे वीडियो पसंद आई हो तो लाइक बटन जरूर प्रेस कीजिएगा अनटिल नेक्स्ट टाइम गुड बाय

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