दोस्तों कभी आपने सोचा है कि इंसान कौन है क्या है कब पैदा हुआ इसकी तारीख क्या है एक जमाने में बगैर कपड़ों के नंगा घूमने वाला इंसान आज इस दुनिया की ताकतवर तरीन हस्ती कैसे बना एक जमाने में जंगलों में खाना तलाश करने वाला इंसान आज कटिंग एज लैब्स में मसन तौर पर गोश्त यानी कि आर्टिफिशियल मीट कैसे प्रोड्यूस कर रहा है एक जमाने में ऑन एवरेज सिर्फ 30 से 40 साल जिंदा रहने वाला इंसान आज 80 90 और इवन 100 साल तक कैसे जिंदा रहता है एक दौर में गधे घोड़ों पर सवार होने वाला इंसान आज जेम्स वेब टेलिस्कोप के जरिए कायनात की गहराइयों तक कैसे पहुंच गया आखिर यह हुआ
क्या है यह सफर कैसा था और इंसान ने कैसे अपने एवोल्यूशन की जर्नी तय की और कर रहा है आज की हमारी गपशप में इस बहुत ही इंपॉर्टेंट टॉपिक के ऊपर बात करेंगे इस मौजू पर कोई एक किताब अगर मुझे सेलेक्ट करनी हो दुनिया की लाखों करोड़ों किताबों में से तो वह होगी युवाल नोआ हरारी की पाथ ब्रेकिंग बुक सेपियंस मॉडर्न जमाने में शायद ही कोई ऐसी बुक हो जो इससे ज्यादा मशहूर हो इट इज एन एब्सलूट किलर एंड बेस्टसेलर हरारी जो इस किताब के ऑथर है ही इज अ जीनियस माइंड इस बुक के लिए उन्होंने इतनी कमाल की रिसर्च की है कि वन इज लेफ्ट स्पीचलेस सेपियंस ने सिंगल हैंडेडली हरारी
को लिटरेचर की दुनिया का सुपरस्टार बना दिया है आज की वीडियो में दोस्तों जो मैं आपको इंसान की कहानी सुनाऊंगा वह आप बिल्कुल भी नहीं मिस कर सकते क्योंकि वह कहानी आपके बारे में है यानी के [संगीत] सेपियंस दोस्तों एक सवाल आप लोगों के जहन में जरूर आता होगा कि इंसान इस दुनिया में कब और कहां पैदा हुआ हमारे इस सफर का आगाज कब और कहां हुआ तो जनाब सबसे पहला इंसान आज से 25 लाख साल पहले ईस्ट अफ्रीका से इवॉल्व होना शुरू हुआ और जैसा कि आप देख सकते हैं कि हम मोर और लेस बंदर या गोरेला की तरह दिखने वाले एक जानवर ही थे किसको पता था कि यह गोरेला की तरह दिखने वाला
इंसान लाखों सालों में इस दुनिया को हमेशा के लिए बदल कर रख देगा लेकिन दोस्तों यहां पर ना एक ट्विस्ट है और वो ट्विस्ट बड़ा ही इंटरेस्टिंग है जरा आज के इंसान को ऑब्जर्व करें कोई गोरा है कोई काला है कोई लंबा है है कोई छोटा है कोई अंग्रेजी में बात करता है कोई हिंदी में कोई उर्दू में कोई जर्मन कोई स्पेनिश और कोई फ्रेंच हर मुल्क में रहने वाले लोगों का कपड़े पहनने का स्टाइल भी मुख्तलिफ है लेकिन हम लोग चाहे जितने भी मुख्तलिफ हो जाएं हम लोग हैं एक ही स्पीशीज जिन्हें होमोसेपियंस कहा जाता है होमो लैटिन जबान में मैन को कहते हैं और सेपियंस का मतलब होता है वाइज
लिहाजा होमो सेपियंस का मतलब हुआ वाइज मैन लेकिन आज से तकरीबन 500 साल पहले जमीन पर एक नहीं बल्कि छह मुख्तलिफ तरह के इंसान बसते थे आखिर वो कौन [संगीत] थे इनमें सबसे पहले थे होमो इरेक्टस यानी कि अपराइट मैन यह पूरे एशिया कॉन्टिनेंट में फैले हुए थे जमीन पर इनकी कहानी का आगाज हुआ आज से 20 लाख साल पहले और इख्लसकन पर सरवाइव होमो इरेक्टस ने ही किया यह वह पहले लोग थे जिन्होंने आग बनानी शुरू की और हंटिंग के लिए वेपंस को ईजाद किया इसके बाद बात करते हैं होमो फ्लोरोस एंसिस की इन्हें फ्लोर्स मैन भी कहा जाता है यानी कि द हॉबिट यह इंडोनेशिया के एक आइलैंड
फ्लोर्स में बसते थे इनका सर्वाइवल पीरियड था 8 लाख साल से 50000 साल तक यह ब ने किस्म के लोग थे और इनकी मैक्सिमम हाइट 1 मीटर लंबी हुआ करती थी और वेट तकरीबन 25 किग्रा इनका आगाज इसी आइलैंड से हुआ और यहीं पर इनकी कहानी खत्म हुई इसके बाद बारी आती है होमो लुजन एंसिस की यह फिलिपींस के लुजन आइलैंड में बसते थे इनका सर्वाइवल पीरियड आज से 7 लाख साल पहले शुरू हुआ और आज से 50000 साल पहले खत्म हुआ इसके बाद बात करते हैं होमो निएंडरथलेंसिस की यह यूरोप और वेस्टर्न एशिया में बसते थे इनका सर्वाइवल पीरियड था आज से 3 लाख साल पहले और
इख्तियार थे इनके दिमाग भी काफी बड़े थे इनकी स्ट्रेंथ ये थी कि यह सख्त सर तरीन क्लाइमेट में भी रह सकते थे नेक्स्ट बारी है होमो डेनिसोवा की ये साइबेरिया में रहते थे इनके सर्वाइवल पीरियड का आगाज हुआ आज से 3 लाख साल पहले और इख्वान की जो छठी किस्म थी वो थी होमो सेपियंस ये आज पूरी दुनिया में बसते हैं इनकी कहानी का आगाज हुआ आज से 3 लाख साल पहले और यह वाहिद ह्यूमन स्पीशीज हैं जिनकी कहानी आज भी जारी है लेकिन दोस्तों ऐसा क्या हुआ कि इनमें सिर्फ एक ही स्पीशीज यानी कि होमो सेपियंस सरवाइव कर पाए इसके बारे में दो कॉन्फ्लेटिंग थ्योरी
है इंटरब्रीडिंग थ्योरी यह कहती है कि होमो सेपियंस ने आहिस्ता आहिस्ता इंसान की जो दूसरी नस्लें थी उनके साथ मीट करना शुरू कर दिया स्पेशली निएंडरथल्स के साथ जिसकी वजह से आहिस्ता आहिस्ता यह एक ही स्पीशीज बन गए इस थ्योरी के कुछ एविडेंस भी है आज के जो मॉडर्न यूरोपिय हैं उनके डीएनए का 1 टू 4 पर निएंडरथल्स के डीएनए से मिलता है रिप्लेसमेंट थ्योरी यह कहती है कि होमोसेपियंस दिमागी तौर पर बाकी इंसानी नस्लों से तगड़े थे इंटेलिजेंट थे उनकी स्किल्स बाकी इंसान की नस्लों से थोड़ी बेहतर थी लिहाजा आहिस्ता आहिस्ता उन्होंने बाकी इंसान की नस्लों को मारना
शुरू कर दिया या तो उनसे उनका खाना छीन के या फिर उनसे डायरेक्ट कंफ्लेक्स पर डिबेट आज भी जारी है लेकिन एक बात सर्टेन है जिसने इंसान को आगे बढ़ने में मदद दी इसके बारे में आगे चलकर बात करते हैं देखें जो आज का इंसान है ना सेपियंस उसका वजूद तो आज से 3 लाख साल पहले हो गया था लेकिन उसने सही तरीके से आज से डेढ़ लाख साल पहले इवॉल्व करना शुरू किया उससे पहले हजारों साल तक वह सिर्फ ईस्ट अफ्रीका में ही महदूद रहा उस जमाने में उसके पास कोई टूल्स कोई इक्विपमेंट और इनफैक्ट कोई ब्रिलियंट जहन भी नहीं था उस जमाने में सेपियंस ने दुनिया के नॉर्थ की तरफ
माइग्रेट करने की कोशिश की लेकिन निएंडर थल्स फिजिकली सेपियन से बहुत तगड़े थे वह बहुत मस्कुलर थे लिहाजा उन्होंने सेपियंस को बा आसानी हरा दिया और वह वापस अफ्रीका आ गए लेकिन आज से तकरीबन 70000 साल पहले समथिंग रिमार्क स्टार्टेड हैपनिंग सेप ने एकदम से कमाल की कंप्लिशन मेंट्स करना शुरू कर दी मॉडर्न इक्विपमेंट्स बनाने शुरू कर दिए उन्होंने तीर कमान कश्तियां ऑयल लैंप्स और मुख्तलिफ औजार बनाने शुरू कर दिए इसके अलावा उनकी कम्युनिटीज बड़ी हो गई तगड़ी हो गई और ट्रेड नेटवर्क्स भी एस्टेब्लिश होने लगे इस बार जब वह अफ्रीका से निकले तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं
देखा उन्होंने ना सिर्फ निएंडरथल्स को हराया बल्कि इंसानों की जो बाकी स्पीशीज थी जो बाकी नस्लें थी उनको भी वक्त के साथ साथ मिटा दिया लेकिन सेपियंस ने ऐसा क्या किया या उनके साथ ऐसा क्या हुआ कि वह इंसान की जो बाकी नस्लें थी उन सबसे आगे निकल गए तो दोस्तों इसकी वजह बनी एक बहुत ही जबरदस्त इवोल्यूशनरी लीप जिसे कॉग्निटिव रेवोल्यूशन कहा जाता है हुआ कुछ ये कि एक एक्सीडेंटल जेनेटिक टेशन की वजह से हमारी ब्रेन की वायरिंग चेंज होने लगी जिसकी वजह से हमारी सोचने की समझने की लर्निंग की ताकत बेहतर हो गई और इस सोचने समझने की ताकत ने इंसान को एक
ऐसी सुपर पावर दी जो कायनात में और किसी के पास नहीं है इट गेव देम द गिफ्ट ऑफ लैंग्वेज यानी के जबान हमारी लैंग्वेज हमारी तरक्की की हमारी डोमिनेशन की एक बहुत बड़ी वजह बनी इस बात को जरा गहराई में समझते हैं देखिए एक बात याद रखें कि क्रिएचर्स में सिर्फ हम ही नहीं है जिनके पास जबान है एक मक्खी की जबान उसकी बसिंग साउंड है जो उसके साथियों को बताती है कि खाना कहां है इसी तरह चिंपांजीस की एक अलग तरह की कॉल होती है जिसकी मदद से वो अपने साथियों को वर्न कर सकते हैं लेकिन इंसानों की लैंग्वेज कैपेसिटी इज एट अ टोटली डिफरेंट लेवल
हमारी जुबाने बहुत ज्यादा बत गहराई है यह हमारी लैंग्वेज है जिसकी बेसिस पर हम इंफॉर्मेशन एक जगह से दूसरी जगह भेज सकते हैं आपस में बातें कर सकते हैं कम्युनिटीज बना सकते हैं कोऑपरेट कर सकते हैं एंड मोस्ट इंपोर्टेंट कहानियां सुना सकते हैं कहानियों की बात मैंने इसलिए की क्योंकि हरारी की इस किताब की जो सेंट्रल थीम है ना उसका बहुत गहरा ताल्लुक हमारी इन कहानियों से है देखिए हरारी का यह कहना है कि इंसान की इस दुनिया में टोटल डोमिनेशन के पीछे एक बहुत बड़ी वजह यह है कि इंसान को कहानियां सुनाने का हुनर आता है यह कहानियां ज्यादातर हमारे जहन की पैदावार
होती हैं दे आर अ फिगमेंट ऑफ आवर इमेजिनेशन और आप जानते हैं कि इन कहानियों का मेन कैरेक्टर हम किसे बनाते हैं इस कैरेक्टर को हम लोग कहते हैं गॉड यानी के खुदा हरारी इन कहानियों को कॉमन मिथ्स कहता है उसका यह भी दावा है कि कोई एक चीज जिसने दुनिया के कल्चर को जोड़कर रखा हुआ है वो यह कॉमन मिथ्स ही है लेकिन मिलियन डॉलर सवाल यह है दोस्तों कि क्यों इंसान को गॉड के बारे में मजहब के बारे में कहानियां बनानी पड़ी हरारी इसका एक बड़ा लॉजिकल आंसर देता है इंसान अपनी जुबान के जरिए कहानियां सुनाता है गॉसिप करता है लेकिन इसमें एक प्रॉब्लम ऑफ लिमिटेशन है
वो प्रॉब्लम यह है कि ऑन एवरेज एक शख्स सिर्फ पूरी जिंदगी में 150 लोगों तक ही कनेक्ट हो सकता है यह 150 का ही मैजिक नंबर है जिसके अंदर-अंदर हम छोटी कम्युनिटीज को बिजनेसेस को सोशल नेटवर्क्स को मिलिट्री प्लेटोस को इजली मैनेज कर सकते हैं लेकिन इंसानों ने तो लाखों करोड़ों लोगों को मैनेज किया हुआ है तारीख में देखें इंसान ने बड़ी-बड़ी अंपायर्स बनाई है जिसमें लाखों लोग आपस में कोलैबोरेट करते थे कोऑपरेट करते थे आज इंसान बड़े-बड़े शहर बना रहा है प्रोजेक्ट्स बना रहा है जहां पर लाखों करोड़ों लोग आपस में मिलकर काम करते हैं
लिहाजा अगर 150 लोगों की थ्योरी सही है तो फिर यह सब कैसे मुमकिन हुआ आपके होश उड़ जाएंगे यह बात सुनके कि यह सब मुमकिन हुआ फिक्शनल मिथल जीी से यानी कि मन गड़क कहानियों [संगीत] से इंसानियत ने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए कि लाखों स्ट्रेंजर्स जो ना एक दूसरे का नाम जानते हो ना एक दूसरे की शक्लों से वाकिफ हो वो आपस में हमेशा के लिए जुड़ जाए और ऐसे जुड़ जाए कि उनसे कोई भी काम करवाया जा सके अगर ऐसा हो जाए तो यह किसी मिरेकल से कम नहीं होगा और यही वह मौका था जब इंसान ने इस कायनात की सबसे बड़ी कहानी को सुनाना शुरू किया यह कहानी थी एक खुदा
की जो आसमानों से ऊपर रहता है जिसका कहा अगर आपने नहीं माना तो वह आपको पनिश करेगा आपको सजा देगा यह कहानी इस कायनात के हर इंसान को सुनाई गई और बार-बार सुनाई गई जब तक यह उसके के ईमान का हिस्सा नहीं बन गई बस फिर क्या था जब एक बार इंसानियत ने इस कहानी के ऊपर ऐतबार कर लिया तो सबने मिलकर काम करना शुरू कर दिया और इसी मिलकर काम करने ने इंसानियत को आगे बढ़ाया दोस्तों कितनी अजीब और पाथ ब्रेकिंग बात है कि दुनिया का हर बड़ा सिस्टम इंसानों की कोऑपरेशन के ऊपर खड़ा हुआ है और इंसानों की कोऑपरेशन के पीछे हैं कहानियां यही कहानियां मजहब बनाती है यही
कहानियां मुल्क बनाती हैं यही कहानियां जुडिशियस सिस्टम बनाती हैं यही कहानियां ऑर्गेनाइजेशंस बनाती हैं इन्हीं कहानियों की वजह से कम्युनिटीज वजूद में आती हैं यही कहानियां जंगे कराती हैं यही कहानियां अमन करवाती हैं और इन्हीं कहानियों की बेसिस पर कौम वजूद में आती हैं इन कहानियों को एकेडमिक वर्ल्ड में फिक्शन कहा जाता है सोशल कंस्ट्रक्ट्स कहा जाता है इमेजिन रियलिटीज कहा जाता है और आपको सबसे मजे की बात बताऊं वक्त ने यह साबित किया है कि इमेजिन रियलिटी इज नॉट अ लाय आज की दुनिया को जरा ऑब्जर्व कर ले हम डुअल रियलिटी में जिंदा रहते हैं एक तो है
हमारा फिजिकल वर्ल्ड जैसे कि मैं हूं यह कैमरा है यह मेरे सामने लाइट है यह टेबल है यह किताबें हैं यह सब हम लोग अपनी सेंसेस से ऑब्जर्व करते हैं और एक है वह रियलिटी जिसको हमने कभी नहीं देखा लेकिन फिर भी हमारा उसके ऊपर भरपूर ईमान है जैसे कि खुदा नेशन या फिर कोई भी आइडियो जीी यह जो हमारी जिंदगी की अनदेखी रियलिटीज है ना यही इंसान की सबसे बड़ी मोटिवेशन बन जाती है यही वजह है कि लोग खुदा के नाम पर मरने मारने को तैयार हो जाते हैं नेशंस के नाम पर लोग वॉर में अपने आप को मरवा देते हैं शहीद करवा देते हैं और किसी आइडियो को फॉलो करने के चक्कर में लोग अपनी जान की
बाजी लगा देते हैं दैट्ची की इस किताब सेपियंस का ये सबसे पावरफुल और कंट्रोवर्शियल आईडिया है इस फैसटिकट को समझना पड़ेगा लिहाजा आई विल टेक यू बैक 10000 इयर्स जब इंसान सिर्फ एक हंटर गैदरर था दोस्तों फॉर द लांगेस्ट टाइम इन हिस्ट्री इंसान के सिर्फ दो रूप थे या तो वह हंटर था या फिर गैदरर हजारों सालों तक इंसान सिर्फ एक फोरेजर था जो मुसलसल मूवमेंट में रहता था यूजुअली खाने की तलाश में लेकिन आज से तकरीबन 12000 साल पहले उसकी जिंदगी गुजारने के इस तरीके में बदलाव आना शुरू हुआ और यही टाइम था सेकंड रेवोल्यूशन का यानी कि एग्रीकल्चरल
रेवोल्यूशन इंसान ने अपने जहन का इस्तेमाल करके यह डिस्कवर कर लिया कि वह जमीन से अनाज उगा सकता है जिसकी वजह से उसे अब खाने की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा आज से तकरीबन 10000 साल पहले पूरी इंसानियत ने एग्रीकल्चर को अपना लिया व्हिच वाज अ रेवोल्यूशन शिफ्ट एग्रीकल्चर की वजह से इंसान अब पर यूनिट ऑफ टेरिटरी पर ज्यादा फूड उगा सकता था इस पैदावार बढ़ने की वजह से फूड की सप्लाई में इजाफा हुआ और खाने के इस इजाफे ने पॉपुलेशन को एक्सप्लो कर दिया इंसान ने ज्यादा बच्चे पैदा करने शुरू कर दिए और वह बच्चे खाने की ज्यादा सप्लाई होने की वजह से र तक जिंदा रहने
लगे लेकिन पॉपुलेशन की इस एक्सप्लोजन ने इंसान को एक और प्रॉब्लम में डाल दिया और वो यह कि सोसाइटीज आपस में कोलैबोरेट कैसे करेंगी बात कैसे करेंगी इस पॉपुलेशन को मैनेज कैसे करेंगी देखें एग्रीकल्चर से पहले इंसान की जिंदगी बहुत ही सिंपल थी अगर आपको भूख लगी तो आप हंट पे निकल जाएं अगर आपके पास खाना नहीं है तो आप साथ वाली ट्राइब से खाना ले लें चांसेस आर हाई कि वो आपकी हेल्प कर देते क्योंकि दे हैड द नॉलेज कि अगर फ्यूचर में उनको जरूरत पड़ी तो आप भी उनके काम आएंगे लेकिन एग्रीकल्चर की ईजाद के बाद ये जो फेवर्स की इकॉनमी थी
यह बदल गई बाटर सिस्टम में देखिए हुआ यह कि एग्रीकल्चर की वजह से ज्यादा फूड अवेलेबल था लिहाजा लोगों ने फूड को ट्रेड करना शुरू कर दिया मसलन किसी को अनाज चाहिए और किसी को नाइफ लिहाजा वो शख्स जिसके पास अनाज था या फूड था वो उस शख्स को नाइफ के बदले बेच देता लेकिन यह बाटर सिस्टम इतना एफिशिएंट नहीं था क्योंकि इसमें एक शख्स को ऐसे बायर या सेलर की तलाश करनी पड़ती जिसको उसी चीज की तलाश हो जो आप बेच रहे हैं और उसके पास वही सामान हो जिसको आप खरीदना चाहते हैं लिहाजा इस प्रॉब्लम को कैटर करने के लिए होमो सेपियंस ने आज से 3000 साल पहले दो कमाल
की चीजें इन्वेंट की एक थी राइटिंग और दूसरी मनी यानी के पैसा मेसोपोटामिया में रहने वाले सुमेरियंस ने सबसे पहले यह काम किया उन्होंने लोगों की ट्रांजैक्शंस को क्ले टैबलेट्स पर लिखना शुरू किया जिसके जरिए आसानी से आप लोगों से चीजें खरीद सकते पैसे और राइटिंग की इस इजाद ने इंसान के का को काफी आसान किया लेकिन ऐसा नहीं हुआ कि पूरी सोसाइटी फ्रिक्शनलेस हो गई बल्कि सोसाइटीज जैसे-जैसे बढ़ती गई वो मजीद कॉम्प्लेक्टेड हो गई अब इंसान ने इस प्रॉब्लम को कैसे टैकल किया इस केस को टैकल किया गया एक सिस्टम ऑफ अथॉरिटी के जरिए कानून के जरिए हायरा कीज यानी कि
दर्जा बंदी के जरिए एक हायरा की की एक क्लासिकल मिसाल एक एंपायर की है जिसके टॉप पर एक किंग या एंपरर बैठा होता है और उसके नीचे पूरा सिस्टम काम कर रहा होता है आज हम मोना कीज को जितना बुरा भला कह लें लेकिन रियलिटी यह भी है कि इन अंपायर्स ने मुशे को सोशल पॉलिटिकल और इकोनॉमिक स्टेबिलिटी भी दी इस बात को समझाने के लिए मैं आपको मिसाल देता हूं बैबल की व्हिच वाज वन ऑफ द लार्जेस्ट अंपायर्स इन द वर्ल्ड बैबल के लोगों को रेगुलेट और गवर्न करने के लिए किंग हमरा बी ने एक कलेक्शन ऑफ लॉज को इशू किया जिन्हें कहा गया कोड ऑफ हमरा बी इन कोड ऑफ लॉज ने बैबल के रहने
वाले लोगों को यह बता दिया कि इस रियाया में क्या-क्या चीजें अलाउड हैं और क्या-क्या नहीं लेकिन इन लॉज को मनवाने के लिए बादशाहों को किंग्स को एंपरर्स को इस बात की जरूरत थी कि लोग उनकी अथॉरिटी को माने लिहाजा उन्होंने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए दैट पीपल सरेंडर टू देयर अथॉरिटी और इसके लिए उन्होंने फिर सहारा लिया दुनिया की शायद सबसे पावरफुल चीज का यानी कि रिलीजन किंग हमरा बी ने लोगों के सामने डिक्लेयर कर दिया कि वह जमीन पर खुदा का नुमाइंदा है खुदा ने उसे खुद अपॉइंट्स फिर क्या था इस मिथकल कहानी के पीछे सब लोग आपस में जुड़ गए और जैसा कि
मैंने आपको बताया कि लोगों की कोऑपरेशन बढ़ाने के लिए आपको उनको एक मिथ एक कहानी देनी होती है हमने अब तक दो रेवोल्यूशन की बात कर ली है कॉग्निटिव और एग्रीकल्चरल रेवोल्यूशन लेकिन आज से 500 साल पहले एक ऐसी रेवोल्यूशन आई जिसने इंसानियत का हमेशा के लिए बदल कर रख दिया और यह थी साइंटिफिक रेवोल्यूशन व्च स्वेप थ्रू यूरोप पिछले हजारों सालों से लोग मजहब की कहानियों के पीछे जुड़ गए थे वह उनके ईमान का हिस्सा बन गई थी मजहब ही लोगों की जिंदगी को गवर्न करता था यूरोप में चर्च का बोलबाला था इन फैक्ट इट वाज द मोस्ट पावरफुल इंस्टिट्यूशन ऑफ दैट टाइम यूरोप
की वन थर्ड जमीन पर चर्च की हुकूमत थी जो शख्स भी मजहब या चर्च के खिलाफ बात कर करता उसे जान से मार दिया जाता लेकिन 16 और 17 सेंचुरी में इंसान ने अपने जहन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया उसने कहा कि अब खुदा नहीं बल्कि इंसान इस कायनात की सेंटर ऑफ ग्रेविटी होगा और यही वह दौर था जब इंसान वोक कप टू इनलाइटनमेंट इनलाइटनमेंट की इस मूवमेंट ने इस दुनिया की पावर इंसान के हाथ में दे दी और साइंस के जरिए वह इस कायनात के राजों पर से पर्दा उठाने लगा और आगे बढ़ता गया साइंस ने इंसान की सोच को प्रोग्रेस किया इस प्रोग्रेस ने इंसान के अंदर आगे बढ़ने की
जुस्तजू को मजीद बढ़ाया इस जुस्तजू ने मुल्कों को अपनी टेरिटरीज को एक्सटेंड करने पर मजबूर कर दिया और इस टेरिटरी एक्सटेंशन ने जन्म दिया एक ग्लोबल सेंट्रल बिलीफ स्ट्रक्चर को जिसे कैपिट ज्म यानी कि सरमाया दारी निजाम कहा जाता है आज सारी दुनिया चाहे वो कोई भी हो हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई अमेरिकन कोरियन जापानीज इंडोनेशियन मलेशियन उनके लिए जिंदगी की सबसे बड़ी हकीकत पैसा ही है द वर्ल्ड रिवॉल्व अराउंड मनी और इंसानियत इसी पैसा कमाने की दौड़ में लगी हुई है इस साइंटिफिक रेवोल्यूशन ने कैपिट ज्म को फरोग तो दिया लेकिन एक और ऐसा काम किया
व्हिच विल हैव फार रिचिंग कंसीक्वेंसेस इन द इयर्स टू कम साइंस ने मजहब की पावर को इरोड करना शुरू किया मजहबी रिचुअल्स तोहम परस्ती बिलीफ सिस्टम पर अटैक करना शुरू किया किया आज इसी साइंटिफिक रेवोल्यूशन की वजह से दुनिया में उन लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है जो खुदा से ज्यादा डार्विन थ्योरी ऑफ एवोल्यूशन पर ईमान रखते हैं और आने वाले सालों के लिए आप लोगों को एक न्यूज़ भी दे दूं जो शायद बहुत से लोगों को सरप्राइजिंग और शॉकिंग लगे शायद बहुत से लोगों को मेरी बात पर गुस्सा भी आ जाए लेकिन मैं आप लोगों से झूठ नहीं बोल सकता देखें दोस्तों आने वाले सालों में
सेंचुरी में ना ऑल रिलीजस विल सीज टू एजिस्ट वक्त के साथ-साथ सारे मजहब आहिस्ता आहिस्ता खत्म होते चले जाएंगे एंड द ओनली थिंग दैट विल रिमन विल बी साइंस एंड टेक्नोलॉजी देखें दोस्तों होगा कुछ यूं कि साइंस और टेक्नोलॉजी जिस रफ्तार से जा रही है ना आहिस्ता आहिस्ता इट विल टेक ओवर एवरी एस्पेक्ट ऑफ आवर लाइफ इंसान के हर सवाल का जवाब साइंस और टेक्नोलॉजी के पास होगा आज दुनिया में वह कंपनीज भी काम कर रही हैं जो इंसान को इम्मोर्टल करना चाहती हैं जेनेटिक रीइंजीनियरिंग के जरिए इंसान नए इंसान खुद बना सकता है और आने वाली सेंचुरी में साइंस और टेक्नोलॉजी इस लेवल
पर चली जाएगी जिसके बारे में आज हम सोच भी नहीं सकते लिहाजा उस जमाने में होगा कुछ यूं कि जब इंसान खुदा से सवाल करेगा ना तो उसके पास आखिरत के प्रॉमिस के अलावा कोई सॉल्यूशन नहीं होगा इंसान कहेगा कि मेरा यह प्रॉब्लम है मुझे इसका सलूशन दो बट गॉड एंड रिलीजन विल ओनली प्रॉमिस हिम लाइफ आफ्टर डेथ लेकिन जब वही सवाल इंसान साइंस और टेक्नोलॉजी के सामने रखेगा ना तो उसको उसके प्रॉब्लम का सलूशन इमीडिएट मिलेगा उसको उसके सवाल का भरपूर जवाब मिलेगा यही बात आहिस्ता आहिस्ता इंसान को मजहब से दूर कर देगी एंड द ओनली बिलीव सिस्टम दैट विल
रिमन विल बी साइंस एंड टेक्नोलॉजी इसमें गुस्सा होने की बिल्कुल जरूरत नहीं यह मेरे रैशनल माइंड का एनालिसिस है एंड दिस इज एगजैक्टली व्हाट विल हैपन यह मैं आपको लिख के दे देता हूं अगर आपने इसके बारे में मजीद जानना है तो युवाल हरारी की एक और किताब पढ़िए जिसका टाइटल है होमोस यह बुक आपके वजूद को हिला के रख देगी एंड इट विल टेल यू व्हाट विल हैपन इन द फ्यूचर सो दोस्तों हमारा लाखों साल का सफर ऑलमोस्ट खत्म होने वाला है इस किताब के आखिर में युवाल हरारी एक सवाल करते हैं सवाल यह है कि इतनी नॉलेज के बाद हेल्थ और वेल्थ में इतनी इंप्रूवमेंट के बाद क्या आज का इंसान
खुश है इज द मॉडर्न ह्यूमन हैप्पी हरारी कहता है कि इंडिविजुअल लेवल पर इस सवाल का जवाब है नो इंसानियत कलेक्टिव लेवल पर तो बेहतर है और शायद पिछली जनरेशन से खुश भी है लेकिन इंडिविजुअल लेवल पर एक शख्स शायद ज्यादा खुश नहीं है द स्ट्रगल ऑफ ह्यूमैनिटी विल कंटिन्यू एंड लेट्स सी व्हाट द फ्यूचर ब्रिंग्स इट विल बी वेरी इंटरेस्टिंग एंड लेट मी प्रॉमिस यू इट विल बी रियली बिजार वीडियो पसंद आई हो तो लाइक बटन जरूर प्रेस कीजिएगा अटिल नेक्स्ट टाइम गुड बाय