Man’s Search For Meaning – How To Find Happiness – Viktor Frankl

दोस्तों आज से हजारों साल पहले कदीम यूनान यानी कि एंस ग्रीस में एक महला कुचला सा शख्स लोगों को रास्ते में रोककर अजीबोगरीब सवाल पूछा करता था वह लोगों से पूछता कि कभी तुमने सोचा है कि तुम क्यों पैदा हुए हो आखिर तुम्हारी जिंदगी का मकसद क्या है एक अच्छी जिंदगी क्या होती है और क्या कभी तुमने यह जानने की कोशिश की कि तुम कौन हो इन गहरे सवालों को सोक्रेटिक क्वेश्चंस कहते हैं क्योंकि वो मैला कु चैला सा शख्स कोई और नहीं बल्कि द ग्रेट सक्रेटीज था पिछले हजारों साल में ला तादाद फलसफे ने इन गहरे सवालों के जवाब देने की कोशिश

की है लेकिन पिछली सदी में एक ऐसा कमाल का साइको एनालिस्ट था जिसने क्या ही खूबसूरती से जिंदगी का मकसद तलाश करने की कोशिश की उसने इस बात को साबित किया कि जिंदगी के टफ तरीन हालात में भी इंसान आगे बढ़ सकता है लेकिन शर्त यह है कि इंसान की जिंदगी में एक एंकर होना चाहिए एक मीनिंग होनी चाहिए लेकिन आखिर यह एंकर क्या है आज की वीडियो में इसी एंकर को तलाश करने की कोशिश करेंगे वह सब लोग जो आज की तारीख में जिंदगी को लेकर हैरान है परेशान है फ्रस्ट्रेटेड है जिन्हें कोई रास्ता नजर ही नहीं आ रहा शायद आज की वीडियो के बाद उन्हें उम्मीद की एक ऐसी किरण मिल जाए जो

हमेशा के लिए उनकी जिंदगी को बदल कर रख दे दोस्तों हिटलर को कौन नहीं जानता ही वाज रूथ ब्रूटल लोगों को अजियत देकर मारने में वो एक एक्सपर्ट था वो ये सब इन ह्यूमन हरकतें करता था अपने कंसंट्रेशन कैंप्स में जहां कैदियों को शदीद बुरी हालत में रखा जाता था ऐसा ही एक कैदी था डॉक्टर विक्टर फ्रेंकल जिसको हिटलर की नार्ज फोर्सेस ने कैद किया था ऑशविच में मौजूद कंसंट्रेशन कैंप्स में अपनी कैद के दौरान हिटलर ने डॉक्टर फ्रेंकल की मां बाप बीवी और भाई सबको जान से मार दिया था डॉक्टर फ्रेंकल अपनी कैद के दौरान जो उन्होंने एक्सपीरियंस किया उसके बारे में बताते हैं

कि हिटलर के कंसंट्रेशन कैंप्स में जो भी कैदी आते वह यूजुअली तीन अलग-अलग फेज से गुजरते थे पहले फेज में जब इन कैदियों को इस खूनखर जगह पर लेकर जाया जा रहा होता तो उनमें डर की बजाय एक शौक की कैफियत होती इस शौक में उन्हें यकीन ही नहीं होता कि उनके साथ कुछ बुरा हो सकता है वो अपने आप को कन्विंसिंग दैट एवरीथिंग विल बी ऑलराइट जब वो इन कैद खानों में एंटर होते तो कुछ कैदियों की लेफ्ट पर लाइन बनाई जाती और कुछ की राइट पर इनमें से एक लाइन को इमीडिएट मार दिया जाता और दूसरों से जेल में शदीद मेहनत करवाई जाती दोनों लाइन में खड़े हर शख्स को यह लगता कि वो बच जाएगा

इसको दोस्तों साइकोलॉजी की जबान में कहते हैं डिलन ऑफ रिप्रीव डॉक्टर फ्रेंकल कहते हैं कि इनिशियली हर कैदी इस डिलन ऑफ रिप्रीव से गुजरता जिसमें उसको लगता कि बाकियों के साथ जो भी बुरा हो रहा है वह उनके साथ नहीं होगा लेकिन आहिस्ता आहिस्ता जेल में इतनी ब्रूटालिटी देखने के बाद वह अपनी उम्मीद खोने लगते और एक वक्त ऐसा आता जब उन्हें मौत जिंदगी से बेहतर लगती उनमें से अक्सर लोगों में सुसाइडल टेंडेंसी आ जाती और कुछ लोग सुसाइड कमिट करने की कोशिश भी करते अपनी कैद के दूसरे फेज में वह इतनी ज्यादा अंबाद देखकर इमोशनली डल हो जाते इस फेज में मौत से डर की बजाय उनका

फोकस सर्वाइवल पर होता मसलन अक्सर औकात ख्वाब में वह खाने को देखते या उन चीजों के बारे में सोचते जो कंसंट्रेशन कैंप्स में लिमिटेड थी इसकी एक रूथ स मिसाल आप इस बात से समझे कि जब इन कैद खानों में टाइफस आउटब्रेक हुआ और कैदी इस बीमारी से एक के बाद एक मरने लगे तो बाकी कैदी उनकी मौत पर मातम मनाने की बजाय उनको फिक्र यह होती कि वोह उन कैदियों का खाना खा ले उनके जूते चुरा लें और उनके जिस्म पर जो कपड़े हैं वो उतार कर खुद पहन ले इस फेज में कैदियों के लिए कोई फ्यूचर नहीं होता कोई मुस्तकबिल नहीं होता देर वाज नो एंड ऑफ टाइम तीसरे स्टेज में वो प्रिजनर्स वो

कैदी जो खुशकिस्मती से इन कंस ट्रेशन कैंप से बाहर आ जाते हैं उनके लिए जिंदगी एक बहुत बड़ा चैलेंज होती है वह जब आजाद होते हैं तो उन्हें समझ ही नहीं आती कि यह आजादी क्या है इट लुक्स अनरियलिटी से तब तक उनकी सारी फैमिली मर चुकी होती है आपको मशहूर जमाना फिल्म शौ शंक रिडेंपशन का वो सीन याद है जब एक बूढ़ा बाबा जो इतने सालों बाद जेल से रिहा होता है वह बाहर की दुनिया में आकर इवेंचर लेता है क्योंकि इतने साल जेल में रहने के बाद उसके लिए बाहर की आजाद दुनिया में फिट होना ना मुमकिन होता है लेकिन जब यह कैदी इन कंसंट्रेशन कैंप्स में होते हैं तब वह

अपने मेंटल बैलेंस और सैनिटी को कैसे बरकरार रखते हैं इवेंचर मदार होता है उनके फोकस पर ऐसा ही एक कैदी था डॉक्टर विक्टर फ्रेंकल जिसने इतना सब कुछ सह के अपनी फैमिली का सैक्रिफाइस देकर एक भरपूर जिंदगी गुजारी अपनी इस कैद की जिंदगी से इंस्पायर होकर उसने साइकोलॉजी में एक नई थेरेपी का आगाज किया जिसे कहते हैं लोगो थेरेपी और इस थेरेपी का जिक्र किया उसने अपनी शोहर अफाक और ब्रेथ टेकिंग किताब मैन सर्च फॉर मीनिंग [संगीत] में [संगीत] लेकिन आखिर यह लोगोथेरेपी क्या है जरा इसको डिस्कवर करते हैं दोस्तों शायद आप लोगों ने कभी नोटिस किया हो कि संडे के

दिन आपको अक्सर औकात थोड़ा बहुत वक्त मिल जाता है और इस वक्त में आप अपनी जिंदगी के बारे में कंटेंप्लेट करते हैं सोचते हैं आप सोचते होंगे कि आखिर मैं जिंदगी में कर क्या रहा हूं सारा दिन नौकरी करता हूं या सारा दिन पढ़ाई करता हूं सुबह उठता हूं तैयार होता हूं बसों में धक्के खाता या ट्रैफिक में फंसता हूं फिर नौकरी पर जाता हूं बॉस मुझ पर चिल्लाता है तनख्वाह कम है वापस घर आता हूं थक जाता हूं चाय पीता हूं खाना खाता हूं और सो जाता हूं जिंदगी इसी तरह कटे जा रही है जिंदगी में कोई मकसद है ही नहीं देयर इज नो मीनिंग अटैच टू लाइफ

इसको दोस्तों अगेन साइकोलॉजी की जबान में कहते हैं संडे न्यूरोसिस और यह जो आपके अंदर एक हलो किस्म की फीलिंग होती है ना जिसमें आपको आपका वजूद बे मकसद लगता है इसको कहते हैं एसिस्टेंसिया वैक्यूम दोस्तों यह जानते हैं क्यों होता है ये इसलिए होता है क्योंकि आप जिंदगी में उन सोक्रेटिक क्वेश्चंस के ऊपर सोचते ही नहीं है जिनका जिक्र मैंने वीडियो के स्टार्ट में किया था लोगो थेरेपी दोस्तों ऐसी ही एक कमाल की थेरेपी है जो आपको आपकी जिंदगी का मकसद तलाश करने में मदद करती है इट हेल्प्स यू फाइंड द एंकर इन योर लाइफ अब दोस्तों आपने मेरी बातें बहुत गौर से

सुननी है नीड टू कंसंट्रेट डॉटर विक्टर फ्रेंकल फ्रेडरिक नीचा के कोट से बहुत इंस्पायर्ड था एंड आई एब्सलूट लव इट ही हु हैज अ वाय टू लिव फॉर कैन डील विद एनीहाउ वो शख्स जिसके पास जिंदगी के क्यों का जवाब है जिसको अपने वजूद की एक्जिस्टेंस का अपने परपस की मालूमात है वह जिंदगी से यह सवाल नहीं करता कि मैंने कोई भी काम कैसे करना है उसके लिए रास्ते खुद बखुदा ते हैं इंट इट सिंपली फैसटिकट फ्रेंकल लिखते हैं कि वो कैदी जिनकी जिंदगी का कोई मकसद नहीं होता था जिनकी लाइफ का कोई पर्पस नहीं था वह आहिस्ता आहिस्ता बीमार हो जाते और इवेंचर जाते

जबकि दूसरी तरफ वह लोग जो अपनी जिंदगी से कोई ना कोई मकसद जोड़ लेते हैं व इवेंचर हो जाते हैं और मजे की बात यह है दोस्तों कि आपको आपकी जिंदगी का पर्पस अक्सर औकात तभी पता लगता है जब आप लाइफ के टफ तरीन टाइम से गुजर रहे होते हैं यह चैलेंजिंग वक्त आपको एक ऐसी सीख दे देता है जो इवेंचर बदल देती है लोगो थेरेपी के जरिए डॉक्टर फ्रेंकल ने हजारों लोगों को अपनी जिंदगी का मकसद तलाश करने में मदद दी इस थेरेपी के मुताबिक इंसानों की सबसे बड़ी क्वालिटी है फ्री विल यानी कि आजाद मर्जी आजाद सोच इसका मतलब यह है कि हर शख्स के पास भरपूर आजादी है कि वह अपनी जिंदगी को

अपनी टर्म्स पे अपनी मर्जी से गुजार सके लोगोथेरेपी के मुताबिक इंसान की मेंटल हेल्थ उस वक्त बेहतरीन हो जाती है जब वह उस हुनर को समझ जाता है कि उसे किस तरीके से अपने हाल और अपने मुस्तकबिल के दरमियान जो गैप है जो स्पेस है उसको कैसे फिल करना है मतलब यह कि वह आज क्या है और वह कल क्या बनना चाहता है और उस मकसद को हासिल करने के लिए इतनी करेज रखता है कि वह उसके पीछे सर पट भाग सके डिटरमिन रह सके पर्स विरेंस दिखा सके और लॉन्ग टर्म कमिटमेंट के साथ उस कॉज के साथ जुड़ जाए जिस तरह दोस्तों फ्रेडरिक नीचे का फलसफा इंसान को ऊपर उठाता है ना इंसान को मोटिवेट करता है

उठा के रख देता है इसी तरह लोगो थेरेपी भी इंसान को कंटीन्यूअसली इंप्रूव करती रहती है टिल द टाइम ही बिकम द बेस्ट वर्जन ऑफ हिमसेल्फ एक और मेरी फेवरेट बात जो डॉक्टर फ्रैंकल ने इस किताब मैन सर्च फ मीनिंग में लिखी है वो यह कि हम लोग सारी उम्र खुशी की तलाश में निकाल देते हैं ऑल आवर लाइफ वी रन आफ्टर हैप्पीनेस डॉक्टर फ्रेंकल के मुताबिक यह एक बेकार एक्टिविटी है जिंदगी में ज्यादातर वही लोग खुश रहते हैं जो अपने आप को किसी ऐसे काम में किसी ऐसे मशक में डुबा देते हैं जिसमें वह अपनी जात को भी भूल जाते हैं वो काम वो मशक उनकी जिंदगी की सेंटर ऑफ ग्रेविटी बन जाता

है यही वजह है कि आर्टिस्ट पेंटर्स ऑथर्स साइंटिस्ट दे लिव अ वेरी हैप्पी एंड फुलफिल्ड लाइफ जबकि दूसरी तरफ वह लोग जो सारी उम्र नौकरी में गुजार देते हैं अपने सेठ को अमीर करते रहते हैं वह ज्यादातर एक नाखुश जिंदगी गुजार कर चले जाते हैं सो माय डियर बुक बड्डीज इसमें कैच यह है कि अपनी जिंदगी में कोई शौक पैदा करें कोई हॉबी पैदा करें कोई ऐसा मशक पैदा करें जो आपको दीवाना कर दे जिसके पीछे आप ऑबसेस्ड हो जिसके बारे में आप पैशनेट हो और जिससे आपकी जिंदगी एक फुलफिल्ड लाइफ बन जाए लेकिन मेरे प्यारे दोस्तों आपको मुझसे सवाल करना चाहिए कि यार बुक बडी तुम बातें

तो बहुत बड़ी-बड़ी कर रहे हो यह तो बताओ कि जिंदगी के पर्पस को तलाश कैसे करना है हाउ शुड वी फाइंड द मीनिंग ऑफ आवर लाइफ तो इसका भी एक बेहतरीन तरीका मैं आपको बताता हूं डॉक्टर फ्रैंकल क्योंकि एक साइकोलॉजिस्ट थे तो जब भी उनके पास पेशेंट आया करते तो वो उनसे एक अजीबोगरीब सवाल पूछते वो उनसे पूछते दैट व्हाई डू यू नॉट कमिट सुसाइड तुम खुदकुशी क्यों नहीं कर लेते डॉक्टर फ्रैंकल लिखते हैं कि अमेजिंगली और अमजियार वह लोगों को जि जिंदगी का मीनिंग तलाश करने में मदद किया करते थे यह तो थी दोस्तों डॉक्टर विक्टर फ्रैंकल की बातें अब मैं जरा आपको अपनी ऑब्जर्वेशन बता देता

हूं मैं जिंदगी में हजारों लोगों से मिल चुका हूंगा और मेरी ऑब्जर्वेशन यह है मेरा मुशाहिद यह है कि उनमें से ज्यादातर लोग पीपल इन मेजोरिटी आर लिविंग अ मीनिंग स एंड पर्पसलेस लाइफ ज्यादातर लोगों को यह मालूम ही नहीं होता कि वो इस दुनिया में क्यों पैदा हुए हैं व्हाट इज द अंडरलाइन ऑब्जेक्ट ऑफ देयर एक्जिस्टेंस देखि हमारी जो जिंदगी है ना उसका हमारे ऊपर एक कर्ज है और वो कर्ज हमें चुकाना है अपनी एफर्ट के जरिए अपनी जिंदगी में तहरीक के जरिए एक स्ट्रगल के जरिए जो आपके वजूद को इसी दुनिया में इसी जिंदगी में ऊंचाई पर पहुंचा दे और अगर अब तक आप इस मकसद को

पहचान नहीं पाए तो आपने बिल्कुल नहीं घबराना आपने परेशान नहीं होना कि यार मैं अब क्या करूं क्योंकि दोस्तों ये एक ऐसी एसिस्टेंसिया जिसको आपने नरिच करना है इसको प्रोटेक्ट करना है इसको नर्चर करना है इसको ग्रो करना है क्योंकि अगर आप ऐसा करते रहे तो जिंदगी के किसी फेज में आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा हमेशा तलाश में रहे क्यूरियस रहे यू नेवर नो व्हेन यू विल स्ट्राइक गोल्ड इंसान एक्जिस्टेंशल क्राइसिस का तब शिकार होता है जब वो उन बताए हुए स्टैंडर्ड्स पर अपनी जिंदगी गुजारता है जो सोसाइटी उसे बताती है देखि दोस्तों जब तक आप अपनी सोसाइटी के अपने

मां-बाप के अपने दोस्तों यारों के अपने पियर्स के अपने कॉलीग के अपने फ्रेंड्स की बताई हुई बातों प अपनी जिंदगी गुजारेंगे यू विल ऑलवेज बी अनहैप्पी अपनी फ्री विल के बगैर जिंदगी गुजारी तो क्या गुजारी देखिए आखिर में दोस्तों आपने मेरी एक बात हमेशा याद रखनी है देखिए जिंदगी इस बात का नाम नहीं है कि आपने प्लॉट खरीद लिया गाड़ी खरीद ली वर्ल्ड टूर प चले गए दोस्तों यारों के साथ हंस खेल लिया जिंदगी में आपको असल खुशी तब हासिल होगी जब आपकी जिंदगी में एक तहरीक होगी एक स्ट्रगल होगी टुवर्ड्स अ प्रोग्रेसिव आइडियल इस स्ट्रगल के अंदर ही दोस्तों आपको एक ऐसी छुपी हुई

खुशी मिलेगी जिसका कोई सानी नहीं है अगर आज से आपने मेरी इन बातों को और डॉक्टर विक्टर फ्रैंकल की लोगो थेरेपी को फॉलो करना शुरू किया तो यू नेवर नो कि आपकी जहन की गिर आहिस्ता आहिस्ता खुल शुरू हो जाए और आपको वह खुशी हासिल हो जाए जिसकी आपको हमेशा से तलाश थी वीडियो पसंद आई हो तो लाइक बटन जरूर प्रेस कीजिएगा अटिल नेक्स्ट टाइम गुड बाय

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