Manto Kay Afsanay | Shohar Aur Biwi ki Dardnaak Kahani | License | Review | Book Buddy

को खोल दो बड़ी कैसे आप सब हमारी मर्डर सीरीज की आखिरी वीडियो है और आज का जो ऑप्शन है वह है मेरी मूल की ख्वातीन के लिए स्पेशली आपके पीसेस आने की कहानी सुनेंगे तो आपको आइडिया को कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं तो विदाउट मिसिंग इंर्पोटेंट फॉर डिस्ट्रक्शन टो स्टार्ट करते हैं इसकी नैरेशन संसार जैसी इसकी नरेशन खत्म होगी मुझे आपसे सबने के हवाले से बहुत इंपोर्टेंट बातें कर रही है सो लेट्स गेट स्टार्टेड मंटो के आज के अफसाने का उनवान है लाइसेंस अब वह चौंक बड़ा मनचला था इसका टांगा भी शहर में नंबर वन था कभी मामूनी सवारी नहीं बिकता था इसके

लगे बनेगा थे जिन्हें उसको रोजाना दस पंद्रह रुपए वसूल हो जाते थे जो अब के लिए काफी मेहनत दूसरे को चोरों की तरह नशा पानी की इसे आदत नहीं थी लेकिन साफ-सुथरे कपड़े पहनने और हर वक्त टिपटॉप रहने का इसे बेहद शौक था जिसका तांगा किसी सड़क पर से घुंगरू बजाता गुजरता तो लोगों की आंखें खुद-ब-खुद इसकी तरफ जाती हैं वह बाबू जा रहा है देखो किस थॉट से बैठा कि शराब पकड़ी देखो कैसे तिरछी बंद है अब लोगों की निगाहों से यह बातें सुनता तो उसकी गर्दन में एक बड़ा हम पैदा हो जाता और उसके घोड़े की चाल और ज्यादा पुरकशिश हो जाती हैं अब के हाथों में घोड़े की बाग

में कुछ इस अंदाज से पकड़ी होती थी जैसे उनको इसे पकड़ने की जरूरत नहीं ऐसा लगता था कि घोड़ा इशारों के बगैर चला जा रहा है उसको अपने मालिक के हुक्म की जरूरत नहीं वह सब बढ़िया जिनको अबू कबूल नहीं करता था दिल ही दिल में उसको गालियां देती थी बास बद्दुआ भी देती थी खुदा करे इसका घमंड टूटे इसका टांग घोड़ा किसी दरिया में जा गिरे अबू की देखा-देखी चल को जवानों ने इधर-उधर से कर्ज लेकर टांगें बनवाएं उनको पीतल के साज-समान से सजाया मगर फिर भी अबू किसी शांत पैदा ना हो सकी उनको वह आप नसीब ना हो सके जो अबू के और उसके टांगें घोड़े

के शैदाई मेह एक दिन दोपहर को अबू अदरक की छाव में टांगें पर बैठा ऊंघ रहा था कि एक आवाज़ उसके कानो में पड़ी अब ने आंखें खोल कर देखा क्वार्टर टांगें के पास खड़ी थी पुणे से बमुश्किल एक नजर देखा मगर इसकी तीखी जवानी एकदम इसके दिल में खूब गई वह औरत नहीं जवान लड़की थी 1617 बरस की दुबली-पतली लेकिन मजबूत रंग सांवला मगर शुक्ला कानों में चांदी की छोटी-छोटी बालियां लड़की ने कवारियां आवाज में अब से पूछा नियर स्टेशन का क्या लाओगे अब के होठों कि मुस्कराहट शरारत तैयार कर गई और उसने कहा कुछ नहीं लड़की का चेहरा सुर्खी माइल हो गया क्या

लोगे स्टेशन का अब्बू ने उसको अपनी नज़रों में समझते हुए कहा तो उससे क्या लेना है चला बैग टांगे में लड़की ने घबराते हुए हाथों से अपने मजबूत सीने को ढाका फाल्के अवार्ड थका हुआ था कैसी बातें करते हो तुम अबू मुस्कुराया चल अबे बैठ भी जा ले लेंगे जो तू दे देगी लड़की ने कुछ देर सोचा फिर पायदान पर पांव रखकर टांगों में बैठ गई Jaldi lane स्टेशन आ अपने पीछे मुड़कर देखा बड़ी जल्दी है तुझे सोनिए हाय हाय तू तो लड़की को और कहते कहते रुक गई तांगा चल पड़ा और चलता रहा लड़की सेमी बैठती थी तब वो के होठों पर शरारत भरी मुस्कराहट नाच रही थी जब बहुत

देर हो गई तो लड़की ने डरी हुई आवाज में पूछा तीसरे नहीं आया अभी तक अब्बू ने मानीख़ेज़ अंदाज़ में जवाब दिया आ जाएगा तेरा मेरा टेंशन एक ही है यह मतलब अब ने पलटकर लड़की की तरफ देखा और कहा अरे क्या तू इतना भी नहीं समझती तेरा मेरा टेंशन एक ही है इस वक्त एक हो गया था बबूने तेरी तरफ देखा था तेरी जान की कसम तेरा गुलाम झूठ नहीं बोलता लड़की ने सर पर पल्लू ठीक किया इसकी आंखें साफ बता रही थी कि वह का मतलब समझ चुकी है इसके चेहरे से इस बात का भी पता चलता था कि इस ने अबू की बात का बुरा नहीं माना लेकिन वह इस कशमकश में थी कि दोनों का स्टेशन एक हो या ना हो

कि अबू सजीला तो है लेकिन क्या वफादार भी है क्या वह अपना टेंशन छोड़ दे जहां इसकी गाड़ी पता नहीं कब की जा चुकी थी अब की आवाज ने उसको चौंका दिया क्या सोच रही है अब वह गर्दन मॉडल लड़की के सामने रुको दिल ही दिल में चूम रहा था कुछ देर के बाद उसने घोड़े की बाग एक जंगली की सलाह के साथ बांध दी और लपककर पिछली सीट पर लड़की के साथ बैठ गया वह खामोश रही अब्बू ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए लड़की ने सिर्फ इतना कहा छोड़ भी दे लेकिन वह फौरन ही अबू के बाजुओं में थी इसके बाद इसमें मजा मत ना कि इसका दिन और बता जोर-जोर से फट पड़ा रहा था जैसे खुद को छुड़ाकर उड़ जाना

चाहता है अब होने वाले प्यार भरे लहजे में से कहने लगा यह टांग घोड़ा मुझे अपनी जान से ज्यादा जी था लेकिन कसम 11वीं वाले पीर कि यह बेच दूंगा और तेरे लिए सोने के कड़े बनवा लूंगा आप फटे-पुराने कपड़े पहन लूंगा लेकिन तुझे शहजादी बनाकर रखूंगा कसम अनलॉक यह मेरी जिंदगी पहला प्यार है तुम मेरी ना बनी तो मैं तेरे सामने गला काट लूंगा अपना फिर इस ने लड़की को अपने से अलहदा कर दिया जाने क्या हो गया है मुझे चलो तुम्हें टेंशन छोड़ा हूं लड़की ने हौले से कहा नहीं आप मुझे हाथ में देख चुके हो अब की गर्दन झुक गई मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हुई निभावो गे

हल्दी को लड़की के लहजे में चैलेंज था जैसे किसी ने अबू से कहा वह ले जाओगे अपना टांग टांगें से आगे निकाल कर इसका झुका हुआ सर उठा आंखें चमक उठीं अबू अपनी जान दे देगा लड़की ने अपना हाथ बढ़ाया तो यह मेरा हाथ अबू ने इसका हाथ मजबूती से पकड़ लिया कसम अपनी जवानी कि अबू तेरा गुलाम है दूसरे रोज जपूं और इस लड़की का निकाह हो गया वह जिला गुजरात की मोचन थी नाम इसका इनायत यानि नियति था अपने रिश्तेदारों के साथ आई थी वह स्टेशन पर इसका इंतजार कर रहे थे कि अब ऊपर इसकी मतभेद हो यो यो फौरन ही मोहब्बत की सारी मंज़िलें तय कर गई दोनों बहुत खुश थे अब पूरे टांग

घोड़ा बेचकर नियति के लिए सोने के कड़े तो नहीं बनवाए लेकिन अपने जमा किए पैसों से उसको सोने की बालियां खरीदी थी कई रेशमी कपड़े भी बनवा दिए थे इन कपड़ो में जब नियति इसके सामने आती तो उसका दिल नाचने लगता कसम पंजतन पाक की दुनिया में तो जैसा सुंदर और कोई नहीं और यह कहकर वह इसको अपने सीने के साथ लगा लेता तू मेरे दिल की रानी है दोनों जवानी की बस्तियों में गर्ग थे गाते थे हंसते थे सैर करते थे एक-दूसरे की बलाएं लेते थे एक महीना इस तरह गुजर गया के दफे गिरोह पुलिस ने अबू को गिरफ्तार कर लिया नियति भी पकड़ी गई अब ऊपर एक बार का मुकदमा चला नियति स्थापित

कदम रहेगी लेकिन फिर भी अबू को दो बरस की सजा हो गई जब अदालत ने हुक्म सुनाया तो नियुक्ति अबू के साथ लिपट गई रोते हुए इस ने सिर्फ इतना कहा मैं अपने मां बाप के पास मैं नहीं जाऊंगी जॉइंट करूंगी अबू ने उसकी पीठ पर थपकी दी जाती रह तांगा घोड़ा मैंने देने के सुपुर्द किया हुआ है इस से किराया वसूल करती रहना नियति के मां-बाप ने बहुत जोर लगाया मगर वह उनके साथ ना गई थक हार कर उन्होंने इसको अपने हाल पर छोड़ दिया निहत्थी अकेली रहने लगी दिन ऐसे शाम को ₹5 दे जाता था जो उसके खर्च के लिए काफी मेहनत हफ्ते में एक बार नियति और अबू की

मुलाकात जैन में होती थी जो उन दोनों के लिए बहुत ही मुक्तसर थी नियति के पास जितनी जमा पूंजी थी वह बाबू को आसानी से पहुंचाने में सफल हो गई एक मुलाकात में अबू ने नियति के कानों की तरफ देखा और पूछा बालियां कहां गई नहीं है थी नियति मुस्कुरा दी और संतरे की तरफ देख कर अब्बु से कहा अब्बा हो गईं अब ने कचरे को से होकर कहा तो मैंने इतना ख्याल रखा करो जैसा भी हो ठीक हूं नियति में कुछ ना कहा वर्क पूरा हो चुका था मुस्कुराती हुई वहां से चल दी मगर घर जा कर बहुत रोई घंटों आंसू बहाए फालतू के अब्बू की सेहत बहुत गिर रही थी उस मुलाकात में तो वह उसे पहचान नहीं सकी

थी नियति सोचती थी कि उसको इसका गम खा रहा है इसकी जुदाई ने अबू की यह हालत कर दी है लेकिन उसको यह मालूम नहीं था कि वह तक का मरीज है और यह मर्ज़ी से विषय में मिला है अब वो खुद ऐसा हकीकत से साफ था चुनांचे जेल के अस्पताल में जब वह आखरी सांस ले रहा था इसमें अफसोस भरे लहजे में नहीं आती से कहा मुझे मालूम होता कि मैं इतनी जल्दी मर जाऊंगा तो कसम अल्लाह की तुझे कभी अपनी बीवी ना बनाता मैंने तेरे साथ बहुत जुल्म किया मुझे माफ कर दे और देख मेरी एक निशानी है मेरा टांग घोड़ा इसका ख्याल रखना अब्बू मर गया नियति का सब कुछ मगर गया मगर वह छिलके वाली औरत थी इस सदमे को

उसने बर्दाश्त कर ही लिया घर में तन्हा पड़ी रहती थी शाम को दीना आता था और इसे दम-दिलासा देता था और कहता था कुछ फिकर ना करो अभी अल्लाह मियां के आगे किसी की नहीं चलती अब वो मेरा भाई था मुझसे जो हो सकता है खुदा के हुक्म से करूंगा शुरू-शुरू में तो नियति नासमझी पर जब उसकी इज्जत के दिन पूरे हुए तो दी ने साफ लफ्जों में कहा कि वह उससे शादी कर ले यह सुनकर नियत यह जी में आया कि उस को धक्का देकर बाहर निकाल दे मगर इस ने सिर्फ इतना कहा था कि मुझे शादी नहीं करनी इस बयान से धोने के रवैए में फर्क आ गया पहले शाम को बिला नागा ₹5

अदा करता था अब कभी चार देने लगा कभी तीन बहाना यह बहुत मंदा है फिर दो-दो तीन-तीन दिन गायब रहने लगा बहाना यह के विमान था या टांगें का कोई पूरा खराब हो गया था जब पानी सर से निकल गया तो नियति ने धीरे से कहा भाई जी ने अपनी तकलीफ ना करो टांगरा घोड़ा मेरे हवाले कर दो नियति ने टांग मांझे के सुपुर्द किया जो अबू का दोस्त था इसमें भी कुछ दिनों के बाद शादी की दरख्वास्त की नियति ने इंकार किया तो इसकी आंखें बदल गई हमदर्दी वगैरह सब हो गई नीति में से ठेंगा घोड़ा वापस लिया और एक अनजाने को चौहान के हवाले कर दिया पुलिस ने तो हद ही कर दी एक शाम पैसे देने

आया तो शराब में धुत था और नियति पर हाथ डालने की कोशिश की नियति ने उसको खूब सुनाई और काम से हटा दिया नियति अजीब उलझन में गिरफ्तार थी कोई शादी की तरफ वास करता था कोई इस की अस्मत पर हाथ डालने की कोशिश करता था कोई पैसे मार लेता था बाहर निकलती तो लोग बुरी निगाहों से घूरते थे एक रात इसका हमसाया दीवार फांद के आ गया और देर रात 10:30 करने लगा नियति सोच-सोच कर पागल होगी कि क्या करें एक दिन बैठे-बैठे इसे खयाल आया क्यों टांग में आ ही चला लूं अब यह के साथ जब वह शहर को जाया करती थी तो टांगा होते ही चलाया करती थी शहर के रास्तों से वाकिफ विधि लेकिन उसमें सोचा

लोग क्या कहेंगे इसके जवाब में इसके दिमाग ने कई दलील देती क्या है क्या औरतें मेहनत मजदूरी नहीं करती थी यह कोई लें वाणियां ही दफ्तरों में जा दिल्ली औरतें घर में बैठकर काम करने वाली है तो हजारों होंगी पेट भी तो डालना है नियति ने कुछ दिन सोच-विचार किया आखिर में फैसला कर लिया कि वह टांगा को चलाएगी उसको खुद पर पूरा है तमाम था चुनाचे अल्लाह का नाम लेकर वह तवे पहुंच गई तांगा जोतने लगी तो सारे को जवान हक्का-बक्का रह गए बाद मजाक समझ कर खूब हंसे जो बुजुर्ग थे उन्होंने नियति को समझाया कि देखो ऐसा ना करो यह मुनासिब नहीं मगर नियति ना मानी

सांगठनिक था कि या पीतल का सामान अच्छी तरह चमकाया घोड़े को खूब प्यार किया और अबू से दिल ही दिल में प्यार की बातें करती तबेले से बाहर निकल गई पूछ वहीं हैरत जताते क्योंकि नियति के हाथ रवायत है जैसे वह तांगा चलाने के फन पर हावी है शहर में तहलका बरपा हो गया एक खूबसूरत औरत टन का चला रही है हर जगह इस बात का चर्चा था लोग सुनते थे तो उस वक्त का इंतजार करते थे जब वह उनकी सड़क अजय गुर्जर एक आया शुरू-शुरू में तो मठ सवारियां जीत सकती थी मगर के जज थोड़ी देर में दूर हो गई और घुमा मदन होने लगी एक मिनट के लिए भी नियति का तांगा बेक आर्म

रहता था इधर सवारी उतरी उधर बैठी आपस में कभी-कभी सब भाइयों की लड़ाई भी हो जाती थी इस बात पर के किस्से नियति को पहले बुलाया है जब काम ज्यादा हो गया तो नियति ने तांगा जीतने के वक्त मुकर्रर कर दिए सुबह 7:00 से 12:00 दोपहर 2 से 6 बजे तक यह सिलसिला बड़ा आराम दे साबित हुआ नियति खुशी मगर महसूस कर रही थी कि अक्सर लोग सर्विस की कुल बढ़त हासिल करने के लिए इसके टांगें पर बैठते हैं बेमतलब बेमकसद इसे इधर-उधर फिर आते थे आपस में गंदे-गंदे मजा भी करते थे सिर्फ उसको सुनाने के लिए बातें करते थे उसको ऐसा लगा था कि वह तो खुद को नहीं बेचती लेकिन लोग चुपके-चुपके

इसे खरीद रहे हैं इसके अलावा उसको इस बात का भी अहसास था कि शहर के सारे को ज्वाइन उसको बुरा समझते हैं इन तमाम ऐसा साथ के बावजूद वह परेशान नहीं थी आप अपनी खुद है तुम आदि के 22 वह पुरसुकून थी एक दिन कमेटी वालों ने नियति को बुलाया और उसका लाइसेंस जब्त कर लिया वजह यह बताई कि और टांगर नहीं चला सकती नियति ने पूछा जनाब और टांगों क्यों नहीं जला सकती जवाब मिला बस नहीं चला सकती तुम्हारा लाइसेंस जठै नियति ने कहा हुजूर अा घोड़ा तांगा भी चॉप कर लिए पर मुझे यह बताएं कि औरत क्यों डर नहीं जो तक गति और तेज चरखा चलाकर अपना पेट पाल सकती हैं और थे टोकरी डोकर रोजी

कमा सकती हैं और से कोई लिए चुन चुन कर अपनी रोटी पैदा कर सकती हैं मैं टांगों तू नहीं जला सकती मुझे और कुछ आता ही नहीं टांगा घोड़ा मेरा हवन का है मैं इसे क्यों नहीं चला सकती मैं अपना गुजारा कैसे करूं हुजूर है प्रैंक करें मेहनत मजदूरी से क्यों रोकते हैं मुझे मैं क्या करूं बता देना मुझे अफसर ने जवाब दिया जाओ बाजार में जाकर बैठो वहां ज़्यादा कमाई है यह सुनकर नियति के अंदर जो असल में हैप्पी तीज क्लिक कर राख हो गई हौले से अच्छा जी कहकर वह चली गई फोन है पौने दामों टांग घोड़ा बेचा और सीधी अबू की खबर पर गई एक लहर के लिए खामोश रही इसकी आंखें बिल्कुल कुश्ती

जैसे बारिश के बाद चिलचिलाती धूप ने जमीन की सारी नमी चूस ली थी उसने खबर से मुखातिब होकर कहा अब्बु तेरी नियति आज कमेटी के दफ्तर में मर गई यह कहकर वो चली गई दूसरे दिन अर्जी दी उसको अपना जिस्म बेचने का लाइसेंस मिल गया तो दोस्तों यह रवैया हमारी सोसाइटी का हमारी और तो के साथ यह बालों और बेचारी लाचार कवर की का जिनको वाली बारिश नहीं होता शरण तो शायद कल भी बेहतर स्वयं लेकिन गांव-देहातों में जैसी कोई लड़की अपनी डिपेंड जाहिर करती है assistant स्प्रेड सर्विस अपनी धरती का इस्तेमाल करती हो जाती को इंडिपेंडेंट हो उसके साथ यही हाल होता है इसका यह मतलब

बिल्कुल नहीं सोसायटी हर औरत को जिस्मफरोशी पर मजबूर करती बल्कि हमारे यहां से हमारे मुंह की खाती हैं उनको कमोबेश सारी उम्र इसी तरह के कुछ मसालों का सामना रहता है * के गिर खासियत यह है कि वह सोसायटी के उन पहलुओं को उजागर करते हैं जिनका लोग सिद्ध करने से भी घबराते हैं मंटो की जो कहानी हो जो सानू का स्टाइल वो एल्बो निकल है पहले गौरी दोस्तों अंग्रेजी की तरफ में अंग्रेज़ी की स्थला है जिसका मतलब यह है कि ऐसी तहरीर जिसमें राइटर अपनी स्टोरी अपने कैरेक्टर्स के थ्रू कुछ ऐसे पोशी टर्मिनस अपने वीडियोस को देता है स्टोरी में इसको डाल है तलाश करने होते हैं अगर

आप यह कहानी लेकिन लाइसेंस तो इसमें भी मैं बहुत सारे स्टोरेज मिलती है बहुत सारे मौजूद मिलते हैं बहुत सारे सबक सीख सकते हैं इनमें से मैंने पांच चीजों को शार्टलिस्ट किए तो इनके बारे में डिस्कशन करते हैं दोस्तों पहला जो सबक मिलता अहम हिस्सा ने लाइसेंस है वह यह कि आपने जिंदगी में कभी भी घमंड नहीं करना कभी भी महरूम होना डोंट भी एडिटिंग लाइव जब पैरों कैंट होते हैं तो फिर आपको चांसेस होते नुकसान पहुंचने के जैसे कि इस कहानी में अबू कुछ सवारियों को अपनी टांगें पर नहीं उठाता था आधे रोगों और वेंचर है उसको उसको नुकसान भी भुगतना पड़ा नंबर टू यह जवाब

जरूर होते हैं उसके साथ आप कामयाब अपने तो लोग आपसे ज्यादा होते हैं आप से नफरत करते हैं लेकिन अगर आप सही काम भी करें जैसा कि स्टोरी में नियति ने किया तब भी लोग आपको चैन से भी जीने देते तो ज्यादा अपनी जिंदगी में लोगों की परवाह ना करें उनके इट्स एन बटन वाइज एंड वॉटर है उसका जवाब न दें अपनी जिंदगी को सीधे तरीके से गुजारे स्ट्रेट तरीके से दुकान है बे हम्बल एंड बॉयस्ड टुवर्ड्स सक्सेस नंबर 3 यह कि आपकी जिंदगी में लाइफ पार्टनर का अच्छा होना बहुत जरूरी है चाहे वह आपकी वाइफ है चाहे वह आपका हस्बैंड हो इस केस में आपने देखा कि अबू को कितनी

अच्छी वाइट मिलिनियर थी जिसने आप हर वक्त जेल में जब तक दुबारा नहीं उसका भरपूर साथ दिया तो चूज और लाइफ पार्टनर वेरी वाइसली चौथा यह के लोग आपकी जिंदगी में आपके पास आपके साथ किसी ना किसी मकसद के तहत होते हैं जैसे कि इस कहानी में नियति के साथ जो थे माझा और जो दिन थे वो जब तक नियति ने शादी से इंकार नहीं किया तब तक तो उसके अंदर थे तब तक तो उसके साथी थे उसको रोज ₹500 भी देते थे लेकिन जैसे ही नियति ने शादी से इंकार किया कि उनकी सारी हमदर्द खराब हो गई जैसे का मतलब खत्म हुआ एवरीथिंग बेनिफिट इन थिन हेयर फॉल उत्तर आपके पास होते हैं किसी ने

किसी मतलब के तहत स्वीकृत भी वे अपनी स्लॉटर्ड पांच वह सबसे इंपोर्टेंट सबक है वह यह है कि हमारी सोसायटी एस्पेशली इन पाकिस्तान युवक in Women है वह लोग वह आर्थिक जोन डिपेंड होना चाहती हैं जो अपना नाम बनाना चाहती हैं जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है उनके लिए एक बहुत ही मुश्किल सफर है इट्स वेरी टफ जर्नी इस केस में आपने देखा नियति ने अपनी पहचान बनाने की कोशिश की अपनी रोज़ी कमाने की कोशिश की लेकिन उस कमेटी ने उसके लोगों ने इसके Vaseline उसको जीने नहीं दिया ऐवेंंचुअली उसको जिस्म फरोश औरत में तब्दील कर दिया मैं यह नहीं कहता कि हमारे यहां सारी

समिति ने से उनको पर इतना प्रेशर होते लेकिन ज्यादातर अगर आप पाकिस्तानी ख्वातीन से पूछे तो उनको वक्त इसके ऊपर आसमान होती है और को पब्लिक में राजसमंद होती है लोग अजीब तरीके की नजरों से देखते हैं हमारे ऑफिस में हमारे जो आसपास के जो मार्किट से अपने स्पेशल यह क्रॉस कोई औरत गुर्जर सेटिंग बंद सुर्खियों में भी गुर्जर कुछ सांस लेते भी औरत गुजर जाए तो उसको देख देखकर जगमाल गुजरात पागल कर देते हैं इस तरह हैं राजकुमारी औरतों को डेली लाइफ में फेस करनी पड़ती है तो इन ऑर्डर फॉर वूमेन टू मेक मां कुनाल साइट इट्स वेरी डिफिकल्ट

लेकिन मैसेज टू और ब्रह्म लिसनिंग टू मी स्टेटस फ्रॉम आपको परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है लोग आपके बारे में बातें करेंगे आपके ऊपर हवा देखेंगे आपका मजाक उड़ायेंगे आपको घूरेंगे लेकिन आपने घबराना नहीं है आप अपने मकसद में सेट पास रहना ऐवेंंचुअली यू विल बे सक्सेसफुल दोस्तों यह सामने से पांच सभा किसी के साथ घंटों शरीर का करते हैं तथा मगर फीचर में टाइम मिला तो मंटो के बारे में जरूर गुफ्तगू करें ने Bigg Boss ही यह जहां मास्टर स्टोरीटेलर हंटिंगटन दोस्तों मेरे चैनल को सबस्क्राइब करते रहिए वीडियोस को शेयर करते रहिए और बैल आइकॉन दबाना मत भूलिए

ताकि आपको वीडियो की नोटिफिकेशन रेगुलरली मिलती रहें next 9 इन थे प्रेजेंस आफ हिस लाइफ इन पाकिस्तान

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